देखिए एनजीटी के आदेश पर इस वर्ष 50 फीसदी से कम होगा अलीगढ़ में ईट भट्ठों का संचालन

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अलीगढ़:राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal-NGT) के आदेश पर पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए इस बार भी अलीगढ़ में 50 फीसद से कम ईट भट्टों का संचालन किया जाएगा। इसके साथ ही एनजीटी ने दिल्ली-एनसीआर की तर्ज पर ईंट भट्ठों को हाईड्राफ्ट व जिगजैग तकनीक से लैस करने का भी आदेश दिया था। तो वही कुछ दिन पहले एक व्यक्ति ने कासगंज व एटा में अवैध भट्ठों के संचालन की याचिका एनजीटी में दाखिल की गई थी, जिस याचिका पर एनजीटी ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जवाब तलब किया गया है।
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आपको बताते चलें कि उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ में 300 से ज्यादा ईंट भट्ठे हैं, जिसमें 150 ईंट भट्ठे जिग जैग व हाईड्राफ्ट तकनीक से युक्त हो पाए गए हैं। वही एक मार्च से ईट भट्ठों का संचालन अलीगढ़ व हाथरस जिले में शुरू होगा। जबकि 2022-21 की भांति ही इस बार भी सभी ईंट भट्ठों का संचालन नहीं हो सकेगा। जिसको लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अपनी सख्ती शुरू कर दी है। वहीं जिन ईट भट्ठा संचालकों ने अपने भट्ठे की चिमनी को जिगजैग व हाईड्राफ्ट तकनीक से लैस किया है केवल वही संचालक ईंट का उत्पादन कर पाएंगे। जिले में इस बार 300 ईंट भट्ठा संचालकों में करीब 150 ही नई तकनीक के अनुसार जिगजैग चिमनी का निर्माण कर पाए हैं। जिसके चलते जिले में इस बार ईंट उत्पादन कम होगा और इससे ईंट की किल्लत रहेगी। ईंट भट्ठे नहीं चलने से कोलकाता व बिहार से आने वाले भट्टा मजदूर को भी रोजगार कम मिलेगा।

वहीं नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 2021-22 में ही जिगजैग व हाईड्राफ्ट तकनीक से लैस न होने पर साधारण भट्ठों के संचालन पर रोक लगाने का आदेश दिया था। जबकि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सैकड़ों की संख्या में भट्ठों को बंद कराया गया था ओर ईट भट्टा संचालकों को नोटिस भी जारी किया था। इसके साथ ही कहा था कि सभी ईट भट्ट संचालक अपने ईट भट्टा की चिमनी को जिगजैग व हाईड्राफ्ट तकनीक से लैस करेंगे। जिसके बाद एनजीटी का यह आदेश अलीगढ़ व हाथरस दोनों जनपदों के लिए जारी किया गया था।जबकि कुछ दिन पहले ही एक व्यक्ति ने कासगंज व एटा में अवैध भट्ठों के संचालन की याचिका एनजीटी में दाखिल की गई थी, जिस याचिका पर एनजीटी ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से जवाब तलब किया गया है।