झांसी नगर निगम में जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए आवेदकों को सिर्फ मिल रही तारीख
झांसी। नगर निगम में जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने के लिए लोग छह-छह महीने से चक्कर काटने को मजबूर हैं। उन्हें सिर्फ तारीख पर तारीख मिल रही है। हाल यह है कि जन्म प्रमाणपत्र के न बन पाने से बच्चों का स्कूल में प्रवेश नहीं हो पा रहा है। दूसरी तरफ, मृत्यु प्रमाणपत्र न बन पाने से किसी का संपत्ति हस्तांतरण लटका हुआ है तो किसी को बीमा का पैसा नहीं मिल पा रहा है। लोग परेशान हैं और बार-बार निगम की दौड़भाग करने से उनका पैसा भी खर्च हो रहा है। हर बार लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है। आपको बता दें कि फरवरी में तालपुरा निवासी रितु ने आवेदन किया था, लेकिन अब उनकी आठ साल की बेटी नाव्या का जन्म प्रमाणपत्र नहीं बन पा रहा है। तब से अब तक दस बार नगर निगम के चक्कर काट चुकी हूं। स्टाफ हर बार कह देता है कि मोबाइल पर मैसेज आएगा, तब आना। सीपरी बाजार निवासी उचित कुमार मिश्रा ने बताया कि बेटे के प्रवेश के लिए आठ दिन का समय मिला था, स्कूल प्रबंधन ने जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के लिए अब आठ दिन का समय दिया है। जबकि, प्रमाणपत्र बनवाने के लिए अप्रैल में नगर निगम में आवेदन कर चुका हूं। चार महीने बाद भी प्रमाणपत्र नहीं बना है। मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ निवासी संजय कुमार ने बताया कि पिता का मृत्यु प्रमाणपत्र नहीं बन पाया, पिता चेतराम का निधन एक जुलाई को झांसी में हो गया था। दो अगस्त को नगर निगम में मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने के लिए आवेदन किया था। अब तक प्रमाणपत्र नहीं बना है। बीमा का क्लेम मिलना है। संपत्ति का हस्तांतरण भी होना है। सब फंसा पड़ा है।
वहीं, झांसी नगर निगम के अपर नगर आयुक्त मोहम्मद कमर ने बताया कि तीन महीने पहले सॉफ्टवेयर अपडेट होने के बाद जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनने की गति धीमी हो गई है। पहले जहां 60 से 70 प्रमाणपत्र एक दिन में बन जाते थे। अब करीब 20 प्रमाणपत्र बन पा रहे हैं। हालांकि, छह-छह महीने तक प्रमाणपत्र लंबित होना संभव नहीं है। अगर आवेदक ने सभी प्रक्रिया पूरी की है और स्टाफ लापरवाही बरत रहा है तो मामला संज्ञान में आने पर कार्रवाई की जाएगी।