बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया छठ पूजा का महान पर्व

in #kanpur10 days ago

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भारत वर्ष में छठ महापर्व सूर्य उपासना का सबसे बड़ा त्योहार होता है। इस पर्व पर भगवान सूर्य के साथ छठी माई की पूजा अर्चना विधि विधान के साथ की जाती हैं। यह सबसे कठिन व्रतों में एक माना जाता है। शुरुआत नहाय खाय से होती है, उसके बाद दूसरा दिन खरना होता है। तीसरा दिन संध्या अर्घ्य दिया जाता है और चौथा दिन उषा अर्घ्य के नाम से जाना जाता है। 20 नवंबर को कानपुर नगर स्थित गुजैनी नहर में बडी ही धूम धाम से बिहार की रहने वाली सुशीला देवी ने अपने परिवार के साथ ऊषा अर्घ्य सूर्य को दिया ।
कानपुर नगर में स्थित गुजैनी नहर में 20 नंबर को छठ पूजा का आखिरी दिन है बडी ही धूम से मनाया गया। चौथा दिन यानी सप्तमी तिथि छठ महापर्व का अंतिम दिन होता है। इस दिन प्रातः काल उगते सूर्य को जल दिया जाता है। इसी के साथ छठ पर्व का समापन होता है। मूलरूप से बिहार राज्य के सीतामढ़ी जिले की रहने वाली सुशीला देवी पिछले 20 वर्षों अपने परिवार के साथ बर्रा विश्व बैक क्षेत्र में रहती हैं। उन्होंने बताया कि छठ महापर्व की शुरुआत नहाय-खाय से होती है। इसके बाद दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन संध्या अर्घ्य और चौथे दिन को ऊषा अर्घ्य के नाम से जाना जाता है। छठ का पर्व बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। छठ का व्रत संतान की लंबी उम्र और उनके खुशहाल जीवन के लिए रखा जाता है। छठ पूजा के अवसर पर सुशीला देवी के पुत्र मनीष चौबे मनोज चौबे नाती रवि शंकर चौबे योगेश चौबे बहू वंदना चौबे रवींद्र अजीत सहित अन्य भक्त उपस्तिथ रहे।