काव्य और शौर्य की अनुपम धरा है बुंदेलखंड : महेश कटारे

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झांसी। बुंदेलखंड काव्य और शौर्य की अनुपम धरा है। शौर्य का वर्णन जितनी खूबसूरती से काव्य में हो सकता है, उतना अन्य में नहीं। कविता लिखना आसान नहीं है। यह बात बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय संगोष्ठी में साहित्यकार महेश कटारे ने कही।

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आधुनिक हिंदी साहित्यकार में बुंदेलखंड का योगदान, हिंदी साहित्य की विकास यात्रा और बुंदेली भाषा एवं साहित्य विषय पर आयोजित सत्र की अध्यक्षता डॉ आद्या प्रसाद द्विवेदी ने की। रांची से आए प्रो जेवी पांडेय ने राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की 'अबला जीवन हाय तुम्हारी यही कहानी' समेत कई रचनाओं का उल्लेख किया।

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डॉ. बहादुर सिंह परमार ने कहा सियासत के लिहाज से बुंदेलखंड बहुत समृद्ध है। सिद्धार्थ नगर से आए डॉ सत्येन्द्र दुबे ने कहा कि बाजार हर व्यक्ति को केवल उपभोक्ता बनाए रखना चाहता है। यदि आप सोचेंगे तो बाजार खारिज कर देगा। संचालन डॉ श्रीहरि त्रिपाठी ने किया। इस दौरान प्रो मुन्ना तिवारी, प्रो पुनीत बिसारिया, प्रो रचना विमल, डॉ अचला पाण्डेय, डॉ जय सिंह, उमेश शुक्ल, डॉ सुनीता वर्मा, डॉ सुधा दीक्षित, डॉ प्रेमलता, डॉ नवीन पटेल, डॉ पुनीत श्रीवास्तव, डॉ अजय कुमार गुप्त आदि मौजूद रहे।