थारू जनजाति का प्रदर्शन।

in #lakhimpur2 years ago

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लखीमपुर खीरी जिले के तहसील पलिया के तराई में मौजूद दुधवा नेशनल पार्क के जंगलों के मध्य सदियों से आबाद ग्रामों की आदिवासी थारू जनजाति की सैकड़ों महिलाओं व पुरुषों ने बृहस्पतिवार को पलिया नगर में अखिल भारतीय वन -जन श्रमजीवी यूनियन से संबद्ध थारू आदिवासी महिला मजदूर किसान मंच के बैनर लेकर नगर की सड़कों पर जबर्दस्त नारेबाजी व अपने परंपरागत वेशभूषा में डांस का भी प्रदर्शन करते हुए जुलूस निकाला,जिसके बाद पलिया तहसील पहुंचकर मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश शासन को संबोधित अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी पलिया रेनू सिंह को सौंपा है।
उपजिलाधिकारी को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि देश के वनाश्रित समुदायों की एक लंबे समय से चली आ रही मांग और जनवादी संघर्षों के कारण देश की संसद ने 15 दिसंबर 2006 को अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत वन निवासी वनाधिकारों की मान्यता कानून 2006 पास किया था । जिसे जम्मू -कश्मीर छोड़कर सभी प्रांतों में ०1 जनवरी 2008 को लागू कर दिया गया , किंतु यहां वन विभाग द्वारा इस बदलावकारी कानून के क्रियान्वयन में लगाई जा रही अड़चनों के कारण क्रियान्वयन की प्रक्रिया अभी भी अधर में लटकी हुई है। जबकि यहां के 20 थारु गांवों ने वनाधिकार कानून की नियमावली संशोधन 2012 के तहत 31 जुलाई 2013 को अपने दावे प्रस्तुत किए थे, किंतु वन विभाग द्वारा लगाई गई आपत्तियों के कारण 15 मार्च 2021 को हमारे दावों को निरस्त कर दिया गया और इसकी सूचना भी नहीं दी गई।

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