गोमती नदी का जलस्तर बढ़ने से लोगों की धड़कन बढ़ी

in #sultanpur2 years ago

अक्तूबर माह में लगातार हुई बारिश से गोमती का जलस्तर भी बढ़ गया है। जिससे गोमती नदी के किनारे बसे गांव के लोगों को बाढ़ की चिन्ता सताने लगी है। धनपतगंज के तराई क्षेत्र के कई गांव की फसल जलमग्न हो गई है। जिससे नुकसान होने का खतरा पैदा हो गया है। बारिश रुकने से धान की फसल में अगिया रोग व गंधी कीट लगने का खतरा बढ़ गया है।जिले में गोमती नदी के किनारें शहरी क्षेत्र के कई मोहल्लों के अलावा 110 गांव बाढ़ आने के बाद प्रभावित होते है।ं पिछले दिनों हुई बारिश के चलते धान की फसल गिर चुकी है। लखनऊ समेत कई जनपदों में तेज बारिश के कारण गोमती नदी का जलस्तर भी बढ़कर 82.320 मीटर पहुंच गया है। जबकि मंगलवार को गोमती का जलस्तर 82.110 मीटर मापा गया था। गोमती के जलस्तर में इजाफा होने से धनपतगंज के तराई क्षेत्र के कई गांव के किसानों की खेत में जलभराव हो गया है। शहर के सीताकुण्ड घाट की सीढियां भी डूब गई है। मंदिर तक पानी पहुंच गया है। गोमती के जलस्तर में दो दिन से लगातार इजाफा होने से किनारे रहने वाले लोगों को बाढ़ का डर सताने लगा है। अधिकारियों का कहना है कि बारिश के कारण गोमती का जलस्तर बढ़ा है। सीतापुर के पास बारिश का पानी भी खोला गया है। बारिश थमी हुई है गुरुवार से जलस्तर कम होने की उम्मीद है।

जनपद में बारिश रुकने के बाद तेज धूप होने से धान की फसल में रोग लगने का खतरा बढ़ गया है। जिला कृषि रक्षाधिकारी दीपचन्द्र चौरसिया ने बताया कि मौजूदा मौसम में धान की फसल में अगिया रोग लगने की संभावना बढ़ गई है। इसके साथ ही गंधीवग कीट लगने के आसार हैं। किसान अगिया रोग से बचने के लिए 2.5ग्राम प्रतिलीटर कापर आक्सीक्लोराइट का छिड़काव करें। गंधी कीट से धान की फसल को बचाने के लिए इमगक्लोरपिट का छिड़काव करें। जिससे धान की फसल को नुकसान से बचाया जा सके।11070212LUK_12SUL13_1665596417_1665596417.JPG