निरहुआ लगे रहे, पूरी पार्टी लगी रही, थोड़ा अखिलेश की आजमगढ़ से बेरुखी
Sultanpur news:-उत्तर प्रदेश लोकसभा उप-चुनाव के नतीजों ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि गढ़ या दुर्ग जैसी चीज अब राजनीति में बची है। अगर कोई नेता इस मुगालते में है कि उसके इलाके की जनता उसके अलावा किसी और को वोट नहीं देगी तो ये उसकी बड़ी भूल साबित हो सकती है। यही भूल पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने की थी। इस गलती से समाजवादी पार्टी ने कोई सबक नहीं सीखा लिहाजा जनता ने सबक सिखा दिया।
थोड़ा सा पीछे चले तो साल 2019 के लोकसभा चुनाव में जनता ने यही सबक राहुल गांधी को सिखाया था। 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी नेता स्मृति इरानी ने राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी से चुनाल लड़ा था। उस वक्त जनता ने स्मृति ईरानी को हराकर राहुल गांधी को विजयी बनाया था। इस हार के बाद स्मृति इरानी ने अमेठी आना-जाना और शुरू कर दिया। वो लगातार लोगों से मिलती रही। उनके दुख-दर्द जानती रही। उनकी आवाज उठाती रही। दूसरी तरफ राहुल गांधी चुनाव जीतकर बैठ गए।
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