सुलतानपुर-जिला अस्पताल में बिजली और पानी का संकट

in #sultanpur2 years ago

जिला अस्पताल में भीषण कर्मी के कारण मरीज व उनके तीमारदार दोनों बेहाल हो गए हैं। वार्डों में मरीजों को हवा देने के लिए लगे पंखे रेंगकर चल रहे हैं। तीमारदारों को घर से पंखा लाना पड़ रहा है। मगर बिजली कटौती के कारण उससे भी राहत नहीं मिल पा रही है।जिला पुरुष चिकित्सालय में 190 बेड़ों हैं। फिलहाल मरीज बढ़ने पर इमरजेंसी के साथ 265 बेड की व्यवस्था की गई है। इसमें 10 बेड पर डायलिसिस है। वार्डों में मरीजों के भर्ती करने के लिए बेड व बिस्तर की है। मगर मरीजों को हवा के लिए लगाए गए अधिकांश पंखे रेंग कर चल रहे हैं। उधर,अस्पताल में मरीजों के पेयजल सुविधा के लिए वाटर कूलर है, उसका मोटर अचानक जल गया। इस कारण जिला अस्पताल प्रशासन को मरीजों व उनके तीमारदारों की पेयजल सुविधा के लिए वाटर कूलर लगाना पड़ा है।

जिला अस्पताल में मरीजों को चिकित्सकों की सलाह के अनुसार डाइट का प्रावधान किया गया है। इसके बाद भी मरीजों को समय से भोजन व नाश्ता नहीं दिया जा रहा है। भर्ती मरीजों में से कुछ को भोजन दिया जा रहा है तो कुछ को नजरंदाज किया जा रहा है। ऐसे में महज 50 फीसदी मरीजों को ही दूध व भोजन दिया जा रहा है। अस्पताल के आर्थो वार्ड द्वितीय में बेड नम्बर चार पर सिरवारा गांव के 48 वर्षीय कप्तान पुत्र मतीन को 15 दिन से भर्ती किया गया है। एक पखवाड़े से भर्ती कप्तान कहते हैं कि उन्हें प्रतिदिन सुबह आधा लीटर का एक पैकेट दूध व सब्जी रोटी दी जा रही है। बर्दाश्त के बाहर गर्मी होने व अस्पताल के छत का पंखा खराब होने के कारण घर से पंखा लाना पड़ा है।पुरुष मेडिकल वार्ड में एक सप्ताह से बेड नम्बर तीन पर भर्ती अयोध्या इटौजा की नेहा पुत्री नौशाद खान कहती हैं कि उन्हें सिर्फ दूध मिल रहा है। दवाएं भी बाहर से लानी पड़ रही है। दूर से आने के कारण बेटी के साथ पंखी भी घर से लाई हैं। लाइट न रहने व बिजली की खराबी होने पर बेना-पंखी की असानी से मदद ली जा सके। पुरुष मेडिकल वार्ड में भर्ती कुड़वार बाजार के मुड़वा गांव निवासी शिवपूजन पाण्डेय पुत्र ओंकार नाथ पाण्डेय कहते हैं कि जो दवाएं इलाज के लिए चिकित्सकों की ओर से लिखी जा रही हैं वह अस्पताल के बाहर गिने चुने दुकानों पर ही मिल रही है। जो कि काफी महंगी दवाएं हैं। मरीजों को डाइट व दूध भी नहीं मिल पा रहा है। सर्जिकल वार्ड में छरौली गांव की वार्ड के 10 नम्बर बेड पर भर्ती बीनू पत्नी राम धनी कहती हैं कि सुबह दूध देने के बाद नाम मात्र के मरीजों को डाइट दी जा रही है। पानी महिला अस्पताल के वाटर कूलर से लाना पड़ रहा है। टैंकर का पानी गरम पेय पदार्थ की तरह से जल रहा है। दवाएं भी बाहर से खरीदनी पड़ रही है।IMG_20220520_224446.jpg