ब्लॉकचैन से जुड़ी हर बाते जानिए की ब्लॉकचैन है क्या,कैसे काम करता है,इसका नाम कैसे पड़ा।

in #india2 years ago

1611107541.jpgब्लॉकचेन दो शब्दों से मिलकर बना है। पहला ब्लॉक और दूसरा चेन। ब्लॉक का मतलब ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में बहुत सारे डेटा ब्लॉक से है। मतलब इन ब्लॉक्स में की डेटा रखा जाता है। अलग-अलग बॉक्स में करेंसी यानी डेटा होते हैं, और ये एक-दूसरे जुड़े होते हैं। डेटा की एक लंबी चैन बनते जाती है। जैसे ही नया डेटा आता है, उसे एक नए ब्लॉक में दर्ज किया जाता है। ब्लॉक के भरने पर इसे नए डेटा से जोड़ दिया जाता है। इसी तरह सारे ब्लॉक्स एक-दूसरे जुड़े रहते हैं
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी एक प्लेटफॉर्म हैं जहां ना सिर्फ डिजिटल करेंसी बल्कि किसी भी चीज को डिजिटल बनाकर उसका रेकॉर्ड रखा जा सकता है। आसान भाषा में कहें तो ब्लॉकचैन एक डिजिटल बहीखाता हैं। जो भी ट्रांजैक्शन इस पर होता है, वो चेन में जुड़े हर कंप्यूटर पर दिखाई देता है। इसे क्रिप्टोकरेंसीज का बैकबोन कहा जाता है। लेकिन इसका इस्तेमाल सिर्फ क्रिप्टोकरेंसीज में ही नहीं बल्कि कई और भी क्षेत्रों में भी होता है। यह एक सुरक्षित और डीसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी है जिसे हैक कर पाना लगभग नामुमकिन है।
ब्लॉकचेन डिजिटल जानकारी को रेकॉर्ड और डिस्ट्रीब्यूट करने की अनुमति देती है। ब्लॉकचेन लेनदेन का एक ऐसा रेकॉर्ड है जिसे बदला, हटाया या नष्ट नहीं किया जा सकता है। ब्लॉकचेन को डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (डीएलटी) के रूप में भी जाना जाता है। ब्लॉकचेन पहली बार 1991 में एक रिसर्च प्रोजेक्ट के रूप में आया था लेकिन वर्ष 2009 में में बिटकॉइन में इसका इस्तेमाल किया गया। अब इसे क्रिप्टोकरेंसीज के साथ कई दूसरे कामों में भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

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