हरियाणा उच्चतर शिक्षा परिषद के नए VC: डॉ. कैलाश चंद्र शर्मा को मिली जिम्मेदारी
हरियाणा उच्चतर शिक्षा परिषद को नए वाइस चेयरमैन के रूप में प्रख्यात शिक्षाविद् डॉ. कैलाश चंद्र शर्मा मिले हैं। हरियाणा सरकार ने उन्हें इस पद पर बैठाकर यह संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में प्रदेश की उच्चतर शिक्षा को कैसे और बेहतर बनाया जाए और इस कार्य में डॉ. कैलाश चंद्र शर्मा की क्षमताओं का उपयोग लिया जा सके।
4 वर्ष तक रहे कुलपति, केयू को दिलाया था खोया हुआ सम्मान
प्रो. कैलाश चंद्र शर्मा हरियाणा की मदर यूनिवर्सिटी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में 4 वर्षों तक कुलपति के पद पर रह चुके हैं। उनके पदभार ग्रहण करने से पहले हरियाणा की यह प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी नेक से प्राप्त ए ग्रेड का दर्जा गंवा चुकी थी, लेकिन उनके प्रयासों के बाद कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी को उसका खोया हुआ सम्मान ए ग्रेड ही नहीं, बल्कि उसे आगे बढ़कर ए ग्रेड प्लस का दर्जा प्राप्त हुआ। इनके कार्यकाल में NHRD द्वारा जारी NIRF रैकिंग में केयू ने देश की टॉप-100 में 69वां रैंक हासिल किया था, जबकि मल्टी फैकल्टी स्टेट यूनिवर्सिटी में केयू को 11वां स्थान हासिल हुआ था।
4 साल के कार्यकाल में उठाए थे ये अहम कदम
कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी की फैकल्टी और संस्थान में कई तरह की खामियां मसलन परीक्षाओं के परिणामों में महीनों के इंतजार, लंबे-लंबे समय तक चलने वाली कुंटिया की हड़ताल, हॉस्टल में बाहरी तत्वों का ठहराव और यूनिवर्सिटी परिसर में आपराधिक जैसी घटनाएं रोकने में डॉ. केसी शर्मा ने अहम भूमिका निभाई। कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी को रूसा से 100 करोड़ रुपये की ग्रांट भी उन्हीं के कार्यकाल में मिली थी। उनकी इन्हीं योग्यताओं का लाभ उठाने के इरादे से हरियाणा सरकार ने उन्हें यह अहम पद दिया है।
60 साल के इतिहास में पहली बार बदला था ड्रेस कोड
कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी में पश्चिमी सभ्यता वाले दीक्षांत समारोह को विशुद्ध भारतीय संस्कृति के परिधान में कराकर कैलाश चंद्र शर्मा ने यह संकेत दिए थे कि अगले दिनों में यह शिक्षण संस्थान बेहतरी की ओर अग्रसर हो रहा है। उन्होंने केयू के 60 साल के इतिहास में पहली बार ड्रेस कोड को बदलने जैसा ऐतिहासिक कदम उठाया था।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने पर फोकस
उल्लेखनीय है कि केंद्र और राज्य सरकार का फोकस नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करना है। डॉ. कैलाश चंद्र शर्मा का मानना है कि देश के युवाओं का समग्र विकास सुनिश्चित करने में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति अहम करिदार निभाएगी और भारत विश्व में फिर से गुरुत्व के साथ पर आरूढ़ होगा।