CM जहां से विधायक, वहां बकरी चराने वाली बनीं सरपंच

सीहोर में बकरी चराने वाली महिला अब गांव की सरकार चलाएगी। CM शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र बुधनी की ससली ग्राम पंचायत से सुलोचना बरखने को निर्विरोध सरपंच चुना गया। सभी 10 पंच पदों पर भी महिलाएं निर्विरोध चुनी गईं। ससली को इसी साल पहली बार ग्राम पंचायत का दर्जा मिला। सीट को SC महिला के लिए आरक्षित किया गया। ससली ग्राम पंचायत में नारायणपुरा और झकलाय गांव शामिल हैं। दोनों गांव के ग्रामीणों ने साथ बैठकर चर्चा की और पूरी पंचायत निर्विरोध चुन ली।

निर्विरोध सरपंच सुलोचना बरखने का कहना है कि वह गरीबों और मजबूरों के लिए काम करेंगी। गांव के लोगों के लिए आवास, टॉयलेट और उन्हें मनरेगा का काम मिले, इसके लिए मेहनत करेंगी। गांव के विकास के लिए भी वे निरंतर प्रयास करेंगी।

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पति के साथ चराती हैं बकरियां
सुलोचना बरखने का कहना है कि बकरियां चराना उनके परिवार का पुश्तैनी काम है। उनके पास 40 बकरियां हैं। पहले उनके ससुर बकरियां चराते थे। 2 साल पहले उनका निधन हो गया। इसके बाद से वह पति रामभरोसे बरखने के साथ मिलकर गांव के पास वाले जंगल में बकरियां चराती हैं।
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प्रदेश का पहला धुआं मुक्त गांव है ससली
ससली गांव पूरे प्रदेश का एकमात्र ऐसा गांव है, जो पूरी तरह से धुआं मुक्त है। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और CM शिवराज सिंह चौहान ने गांव को धुआं मुक्त होने पर विशेष पुरस्कार भी दिया था। भाजपा के वरिष्ठ नेता रघुनाथ सिंह भाटी भी इसी गांव के निवासी हैं। इसके साथ CM के विधानसभा क्षेत्र बुधनी के तहत ही ये पंचायत आती है। इन्हीं सब के प्रयासों से पंचायत को समरस पंचायत का तमगा मिला है।
भाजपा नेता भाटी का कहना है कि गांव में रहने वाले SC-ST के 40 से अधिक परिवार बकरी पालन ही करते हैं। यहां के अधिकतर लोग मजदूर वर्ग से हैं। इनके पास कृषि भूमि नहीं है। सरकार की योजनाओं का लाभ इन्हें मिलता है।