देश में भ्रष्टाचार,परिवारवाद और बिहार में नौकरी,रोजगार

in #india2 years ago

Vprakash Screenshot_2022-08-17-01-02-56-65_40deb401b9ffe8e1df2f1cc5ba480b12.jpgगोरखपुर। एक मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री के लिए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। यह कहानी दूसरी या तीसरी बार नहीं दोहराई गई, यह आठवीं बार शपथ लेने की बात है। द्वापर में तो आठवीं संतान के रूप में भगवान को आना पड़ा था। एक कुमार ने शपथ ली ,कुछ लोगों ठीक से पकड़ लिया और कहा कि वही होंगे सुशासन बाबू। नीतीश कुमार। 15 अगस्त को ध्वजारोहण किया । तिरंगा शान से लहराया तो जबान भी ठीक दिशा में हिली। और बोल ही दिए 10 लाख युवाओं को नौकरी देंगे। इसके अलावा भी 10 लाख लोगों को रोजगार और नौकरी देंगे। दिल्ली में भी तिरंगा लहराया। वहां आठ साल से भ्रष्टाचार खत्म करने की बात होती आ रही है, लेकिन भ्रटाचार है कि बढ़ता ही जा रहा है। हर चुनावों में रूप बदल लेता है। कोरोना जैसे वैरिएंट के बाद नया वैरिएंट। दूसरी बात होती है। परिवार की। परिवारवाद से देश पिछड़ गया है, खोखला हो गया है। इसे खत्म करना जरूरी है। कई लोग तो इस बार चिंतित हो गए, आपस में बुदबुदाने लगे, कहीं संघ परिवार की तो बात नहीं कह रहे हैं। खैर। बिहार के दूसरे कुमार से पत्रकारों ने चुनावी वादे को याद दिलाते हुए सवाल दागे। बात रोजगार, नौकरी की थी । युवा कुमार ने पत्रकारों को सही सवाल के उचित जवाब दिया। कहा कि मेरे पास आते हैं तो नौकरी और रोजगार की बात करते हैं ठीक है। दिल्ली में उनसे मिलते हैं तो क्या सिर्फ मनोरंजन के लिए मिलते हैं, उनसे भी नौकरी मांगिए, वह तो करोड़ों में नौकरी , रोजगार देने की बात कही थी। लाखों को घर बैठा दिए। आपलोग सही पकड़े हैं।
इधर उधर के प्रकरण के दौरान एक पुरानी बात याद आ गई कि कुर्सी किसी की सगी नहीं होती। हे साहेब...! गुरूर न कर तू कुर्सी का... यहां कल कोई और होगा।
‘बिहार का मिजाज’, जनता की पहली पसंद, बुद्धिजीवियों की जमात... इसे सिद्ध करने के लिए काफी है... ।

Screenshot_2022-08-17-01-07-14-78_680d03679600f7af0b4c700c6b270fe7.jpg