जदयू कांग्रेस की मर्जर की बात बेबुनियाद, पीके भाजपा के एजेंट
पटना। बिहार में मुख्यमंत्री एन दिनों कई मोर्चों पर संघर्ष कर रहे हैं। एक तरफ राजद /जदयू तो दूसरी तरफ प्रशांत किशोर /नीतीश खूब चल रहा है। नीतीश कुमार का मिशन-2024 वाला पीएम मोदी की भाजपा से टशन उभार पर है। इधर नीतीश की सबसे दिलचस्प लड़ाई सामने आई है, वह है उनकी पीके से पोल-खोल वाली बयानबाजी।
दरअसल प्रशांत किशोर पीके और नीतीश कुमार दोनों दनादन वर्षों पुरानी अंडरस्टैंडिंग की पोल खोल रहे हैं। जहां पीके ने नीतीश पर खुलासा किया कि उन्होंने हाल ही में उन्हें जदयू ज्वाइन कर उनका उत्तराधिकारी बनने का ऑफर दिया था। प्रशांत किशोर के इस खुलासे से नीतीश इस कदर तिलमिलाए कि उन्होंने जवाबी खुलासा किया कि पीके ने उन्हें अपनी पार्टी जदयू के कांग्रेस में मर्जर की सलाह दी थी।
नीतीश ने पीके को भाजपा एजेंट करार दिया
पटना में शनिवार को जेपी की पुण्यतिथि पर श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद नीतीश ने प्रशांत किशोर की जन सुराज यात्रा पर तीखा कटाक्ष किया। सीएम नीतीश ने कहा कि पीके सिर्फ और सिर्फ भाजपा के एजेंडे पर चल रहे हैं। वे जब जदयू में थे उस समय उन्होंने जदयू का कांग्रेस में विलय करने का सुझाव उन्हें दिया था। लेकिन नीतीश ने इसे ठुकरा दिया था।
प्रशांत किशोर ने नीतीश से हुई बात का किया खुलासा
नीतीश ने कहा कि पीके इस समय जो यात्रा कर रहे हैं, वह भाजपा का एजेंडा है। भाजपा की रणनीति के तहत ही पीके लगातार जदयू और राजद पर कुछ न कुछ बोलते रहते हैं। वे जदयू और राजद का विरोध क्यों कर रहे हैं। इसलिए कि वे भाजपा से मिले हुए हैं। पीके को जदयू में पद के ऑफर पर नीतीश ने कहा कि ये बातें बेबुनियाद हैं। हमने कभी भी पीके को कोई ऑफर नहीं दिया। वे खुद कुछ दिनों पहले हमसे मिलने आए। न कि हम लोगों ने उन्हें बुलाया था।