Faridabad Cyber Case: खुद को बताया एयरपोर्ट का अधिकारी, नौकरी दिलाने के नाम पर 12वीं पास युवक से 6.65 लाख की लूट

in #latest2 years ago

फरीदाबाद: एयरपोर्ट पर नौकरी दिलाने का लालच देकर पर एक छात्र से साइबर ठगों ने 6.65 लाख रुपये हड़प लिए। पुलिस ने शिकायत पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पर्वतीय कॉलोनी एनआईटी निवासी अवनीश ने पुलिस को बताया कि वह 12वीं पास हैं। 15 मई को उनके पास एक मेसेज आया। इसमें एयरपोर्ट पर नौकरी दिलाने के बारे में लिखा हुआ था। अवनीश को नौकरी की जरूरत थी। उन्होंने मेसेज में दिए गए मोबाइल नंबर पर कॉल कर दी। सामने से व्यक्ति ने खुद को दिल्ली एयरपोर्ट का अधिकारी बताया। उसने कहा कि वह एयरपोर्ट पर उसे एयरटिकट बनाने की नौकरी दे सकता है। उसने नौकरी के लिए पहले पंजीकरण फीस, इसके बाद कपड़े, स्वास्थ्य, समझौता पत्र, गेट पास, इंश्योरेंस, आयकर, वीजा सहित अन्य बहाने से अलग-अलग खाते में 6.65 लाख रुपये डलवा लिए। इसके बाद भी रुपये मांगने का सिलसिला खत्म नहीं हुआ। तब अवनीश को ठगी का अहसास हुआ और पुलिस को शिकायत दी। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।

कैसे किया जाता है फ्रॉड
साइबर एक्सपर्ट रक्षित टंडन ने बताया कि ज्यादातर जालसाजों के लिए ऑनलाइन जॉब पोर्टल अपने शिकार को खोजने का सबसे बढ़िया जरिया होते हैं। ये इस तरह से लोगों को फंसाते हैं-

  • जॉब रिक्रूटमेंट साइट से नौकरी तलाशने वाले की प्रोफाइल निकाली जाती है।
  • जो शिकार बन सकते हैं, उन सभी को बल्क में मेल भेजा जाता है।
  • फ्रॉड करने वाले खुद को जॉब कंसल्टेंट के तौर पर पेश करते हैं। ये अपनी फर्जी वेबसाइट, अस्थायी दफ्तर दिखाते हैं।
  • लोगों से वॉलेट या बैंक ट्रांसफर के जरिये रजिस्ट्रेशन फीस जमा करने के लिए कही जाती है।
  • ऑनलाइन या टेलीफोन से इंटरव्यू किया जाता है। फर्जी अपॉइंटमेंट लेटर भेजे जाते हैं।

कैसे शिकार बनाते हैं जालसाज?
ई-मेल: कोई भी खुद को फ्रीलांस जॉब कंसल्टेंट के रूप में पेश करके तमाम जॉब पोर्टल से लोगों की प्रोफाइल तक पहुंच सकता है। इसके बाद ये बल्क में ईमेल भेजते हैं। 5 फीसदी को भी अपना शिकार बनाने में सफल हो जाएं तो काफी पैसा बना लेते हैं। लोगों से सिक्योरिटी डिपॉजिट, इंटरव्यू फीस या अन्य चार्ज के नाम पर पैसा जमा करने के लिए कहा जाता है।

फर्जी वेबसाइट : लोगों को गुमराह करने के लिए ठग नामचीन कंपनियों, जॉब पोर्टल या सरकारी विभागों की डुप्लीकेट वेबसाइट बनाते हैं। साइबर एक्सपर्ट ने बताया कि बेवसाइट बनाने के बाद फिर ठग इस पर फर्जी नौकरी पोस्ट करते हैं। टेस्ट लिए जाते हैं। रिजल्ट अपलोड किया जाता है। इसी बीच उनसे तरह-तरह की फीस वसूल ली जाती है।

कैसे ठगी से बचें?
विश्वसनीय वेबसाइटों पर जाएं : ज्यादातर कंपनियां अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर नई नौकरियां पोस्ट करती हैं। इस तरह संदेहास्पद ईमेल की जगह कंपनी के करियर पेज पर जाएं। साइट पर सीधे अप्लाई करें। विदेश में नौकरी के लिए भारत में 'एजेंटों' से संपर्क कतई न करें।

जॉब पोजिशन के साथ सीवी पोस्ट करें: जॉब पोर्टल पर सीवी पोस्ट करते हुए सुनिश्चित कर लें कि उस पर वह पोस्ट लिखी गई हो जिसके लिए आवेदन कर रहे हैं। इसके रेस्पॉन्स में जो भी ईमेल मिलेगी, उसमें इस पोस्ट का जिक्र होगा।

नौकरी सुरक्षित करने के लिए भुगतान न करें: साइबर एक्सपर्ट ने बताया कि नौकरी तलाशने वालों से कोई भी कंपनी किसी भी चरण में पैसे जमा करने के लिए नहीं कहती है। इस कारण सिक्यॉरिटी डिपॉजिट, रजिस्ट्रेशन या डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए फीस मांग रही कंपनी से सावधान हो जाएं।

फर्म को कॉल कर ईमेल को सत्यापित करें: ऑफर या अपॉइंटमेंट लेटर में कोई शक है तो कंपनी के पंजीकृत लैंडलाइन नंबर पर कॉल करें। चेक करें कि जिस व्यक्ति ने ईमेल भेजा है, वह वास्तव में है कि नहीं।

बहुत लुभावने जॉब ऑफर से सतर्क रहें: आपको 70-80 फीसदी का इंक्रीमेंट ऑफर किया जाता है या फिर मार्केट ट्रेंड के अनुरूप नहीं है तो जान लें कि यह निश्चित ही फेक जॉब ऑफर है। एक दूसरा इंडिकेटर यह है कि आपको बगैर औपचारिक इंटरव्यू के ऑफर लेटर थमा दिया जाए।

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