दिल्ली में जलभराव की घटनाओं में हस्तक्षेप करें उपराज्यपाल: विजेंद्र गुप्ता
नई दिल्ली, 1 सितंबर : दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने साल दर साल बढ़ रही जलभराव की घटनाओं के लिए दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए उपराज्यपाल से इस संबंध में हस्तक्षेप करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले सालों में इनसे होने वाले हादसे भी बढ़ जाएंगे।
नेता प्रतिपक्ष में दिल्ली पुलिस द्वारा दिल्ली सरकार को उपलब्ध करवाये गए डेटा का जिक्र करते हुए कहा कि 2022 से लेकर 2023 तक का डेटा बताता है कि इस तरह के स्पॉट्स एक साल में 50 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं। स्वाभाविक है कि इस तरह के स्पॉट्स बढ़ने के लिए सिविक एजेंसियां ही जिम्मेदार हैं। उन्होंने बताया कि साल 2023 में दिल्ली की सड़कों पर कुल 308 जलभराव की घटनाएं हुईं। जिनमे से 215 सड़कें ऐसी हैं जो दिल्ली सरकार की एजेंसी पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत आती हैं।
उन्होंने कहा कि यह चिंताजनक है क्योंकि मानसून की बारिश अभी खत्म नहीं हुई है और अभी 2024 के आंकड़े भी नहीं आये हैं। स्वाभाविक है कि पिछले साल की तुलना में 2024 का आंकड़ा बढ़कर ही आएगा, क्योंकि जलभराव के कारण सबसे ज्यादा हादसे भी 2024 में ही हमारे सामने आए हैं। चाहे राजेन्द्र नगर में हुई तीन छात्रों की मौत का मामला हो या फिर गाजीपुर में मां बेटे की मौत या फिर अन्य क्षेत्रों में भी हुई कुछ मौतें, वे सब इसी जलभराव के कारण ही हुईं।
उन्होंने कहा कि इन हादसों को रोकना पीडब्ल्यूडी की ही जिम्मेदारी है और यह सीधे दिल्ली सरकार के अधीन ही काम करती है। उन्होंने कहा कि इन हादसों को रोकने के लिए इन सड़कों के ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त करना जरूरी है क्योंकि उनकी वजह से भयंकर ट्रैफिक जाम होता है और हजारों लीटर ईंधन बेकार जाता है। इसके अलावा जलभराव के कारण सड़कें टूट रहीं हैं और इनकी वजह से न केवल सड़क हादसे हो रहे हैं बल्कि प्रदूषण भी बढ़ रहा है।
उन्होंने उपराज्यपाल से इस मामले में हस्तक्षेप कर दिल्ली सरकार को जलभराव वाली जगहों को तुरंत ठीक करने का आदेश देने की मांग की है।