Climate Change : औसत तापमान 20.4 डिग्री सेल्सियस से बढ़कर 39.7 हो जाएगा

in #wortheum2 years ago

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तेजी से बढ़ रही गर्मी इस सदी के अंत तक छह गुना ज्यादा मौतों का कारण बन जाएगी। रातों में ज्यादा तापमान लोगों की नींद और शारीरिक क्रिया भी गड़बड़ कर देगा। कम नींद न सिर्फ प्रतिरक्षा तंत्र को नुकसान पहुंचाएगी, बल्कि इससे लोगों पर हृदय रोग, गंभीर अनिद्रा, सूजन और मानसिक बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाएगा। भविष्य में जलवायु परिवर्तन (Climate Change) से होने वाले इन दुष्प्रभावों से जुड़ीं यह जानकारियां लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ जर्नल में छपे ताजा शोध में सामने आई हैं।

शोधकर्ताओं ने भविष्य में मौतों का यह अनुमान चीन, दक्षिण कोरिया और जापान के 28 शहरों में 1980 से 2015 तक बढ़ी गर्मी के कारण मारे गए लोगों की संख्या के आधार पर लगाया है। अमेरिका की नॉर्थ कैरोलिना यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के मुताबिक, वर्ष 2090 तक पूर्वी एशियाई देशों के 28 शहरों में रातों का औसत तापमान 20.4 डिग्री सेल्सियस से बढ़कर 39.7 डिग्री सेल्सियस हो जाएगा।

गर्म रातों को किया जा रहा था नजरअंदाज

शोध के सह लेखक युकियांग झांग का कहना है, बदलती जलवायु में रातों के तापमान में बढ़ोतरी को अब तक नजरअंदाज किया जा रहा था, लेकिन शोध में पता लगा है कि इस सदी के आखिरी दशक में औसत तापमान में मौजूदा बदलाव की तुलना में 60 फीसदी की तेजी आएगी।

शोध ने बताए दो संभावित परिदृश्य

बीते वर्षों के आंकड़ों और इन देशों की सरकारों द्वारा कार्बन उत्सर्जन रोकने के किए गए उपायों के आधार पर जलवायु परिवर्तन का मॉडल बनाकर संभावित परिदृश्य बताए हैं, जिनमें 2016 से 2100 तक गर्मी के कारण मौतों का छह गुना होना शामिल है।

एकमात्र विकल्प

शोधकर्ताओं का कहना है कि जलवायु परिवर्तन रोकने की रणनीतियों व मजबूत वैश्विक साझेदारियों के बूते भविष्य में गर्मी के दुष्प्रभावों से बचने का एकमात्र विकल्प है।