सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड भारत के सार्वजनिक व्यय को हरित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है

in #finance2 years ago

भारत के प्रस्तावित सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड का फ्रेमवर्क लगभग तैयार हो गया है और यह मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जारी हो जाएगा। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है।
अधिकारी ने बताया, 'हमने वर्ल्ड बैंक से बात की है। वे हमें कुछ गाइडैंस दे रहे हैं। हम पूरी तरह से स्वतंत्र सेकेंड पार्टी से जांच करा रहे हैं।' अधिकारी ने कहा, यह उधारी कैलेंडर की दूसरी छमाही का हिस्सा होना चाहिए।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी में अपने वित्त वर्ष 23 के बजट भाषण में ऐलान किया था कि ग्रीन बॉन्ड्स (green bonds) बजट के 14.95 लाख करोड़ रुपए के ग्रॉस बॉरोइंग एस्टीमेट का हिस्सा होंगे।

बाजार उधारी में कोई बढ़ोतरी नहीं

इस साल मार्च में की गई एक घोषणा के अनुसार, सरकार की चालू वित्त वर्ष में बाजार से 14.31 लाख करोड़ रुपए उधार लेने की योजना है। इसमें से 8.45 लाख करोड़ रुपए अप्रैल-सितंबर की अवधि में और शेष राशि यानी 5.86 लाख करोड़ रुपए मार्च 2023 में समाप्त होने वाले वर्ष की दूसरी छमाही में उधार ली जाएगी।

वित्त मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि अक्टूबर 2022-मार्च, 2023 के दौरान सरकारी उधारी कार्यक्रम में बढ़ोतरी की कोई वजह नजर नहीं आ रही है। उन्होंने कहा, 'अगर नए खर्च नहीं होते हैं तो अब और वित्त वर्ष 23 के अंत तक हम अपना फिस्कल डेफिसिट का टारगेट हासिल कर लेंगे।'

और ये भी पढ़े

मारुति कारों की बिक्री में बंपर बढ़ोतरी, अगस्त में खूब हुई सेल

ऑनलाइन भुगतान कंपनियों रेजरपे, पेटीएम, कैशफ्री के ठिकानों पर ईडी ने मारे छापे

किसान क्रेडिट कार्ड के डिजिटलीकरण की शुरुआत, लोन मिलने का समय आधा होगा

डिस्काउंट पर क्या है योजना

अधिकारी ने जोर देकर कहा कि सरकार ग्रीन बॉन्ड्स के लिए एक 'बहुत अच्छी दर' चाहती है। उन्होंने कहा, '2 बेसिस प्वाइंट्स, 5 बेसिस प्वाइंट्स या 10 बेसिस प्वाइंट्स का डिस्काउंट पर्याप्त नहीं होगा। हम पहले से बाजार से उधार ले रहे हैं। हम खासा आकर्षक डिस्काउंट (मौजूदा सरकारी बॉन्ड यील्ड्स पर) देना चाहेंगे।' इसके अलावा, बात के वर्षों में ग्रीन बॉन्ड्स की बिक्री पहले इश्यू की ब्याज दर पर निर्भर करेगी।

Sort:  

Like me plz

Like mam

Please like