ध्यान दें: उल्टी दस्त हो सकते हैं कोविड-19 के नए लक्षण?

in #medical2 years ago

Screenshot_20220505_105252.jpgलगभग पूरी दुनिया में कोरोना वायरस ने जमकर कहर बरपाया। चीन से शुरू हुआ ये वायरस आज लगभग हर देश में अपने पैर पसार चुका है। वहीं, चीन समेत कई अन्य देशों में इसकी कई लहर अब तक आ चुकी है और मौजूदा समय में भी कोरोना हमारे बीच मौजूद है। ऐसे में जरूरी है कि हर कोई अपना बचाव करे और इस वायरस से बचा रहे, क्योंकि ये वायरस अब तक काफी संख्या में लोगों की जान भी ले चुका है। वहीं, भारत के कई राज्यों जैसे- दिल्ली, उत्तर प्रदेश, केरल और राजस्थान जैसी कई अन्य जगहों पर फिर से संक्रमितों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है। वहीं, इस बार इन मरीजों में उल्टी-दस्त यानी डायरिया जैसी समस्याएं भी देखी जा रही है। इसलिए माना जा रहा है कि कोरोना का नया लक्षण उल्टी-दस्त भी हो सकता है। तो चलिए जानते हैं कि अगर आप ऐसे लक्षण खुद में देख रहे हैं, तो कैसे आप कोरोना और फूड पॉइजनिंग में अंतर कर सकते हैं।Screenshot_20220505_105519.jpgफूड पॉइजनिंग के कई लक्षण हैं। इसमें पेट में ऐंठन होना, उल्टी-दस्त होना, कमजोरी होना, जी मिचलाना, बुखार आना, भूख में कोरोना के ये हैं लक्षण:-
ठंड लगना
खांसी-बुखार
गले में दर्द
सांस लेने में दिक्कत
गंध न आना
पेट में दर्द
जी मिचलाना
उल्टी-दस्त आदि और सिरदर्द आदि शामिल हैं।अगर बात ये की जाए कि आखिर लोग कैसे पता लगाएं कि वो कोरोना का शिकार हुए हैं या फिर उन्हें फूड पॉइजनिंग हुआ है। तो यहां ये समझना जरूरी हो जाता है कि इस मौसम में लोगों को उल्टी-दस्त की समस्या भी हो रही है और साथ ही लोग कोरोना से भी संक्रमित हो रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि ऐसी स्थिति में आप अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें और खुद से कोई दवा न लें।अगर आप फूड पॉइजनिंग से बचना चाहते हैं, तो आपको ध्यान रखना है कि अपने घर में पालतू जानवरों को अपने खाने से दूर रखें और ध्यान दें कि वो इसमें मुंह न मारे, पके हुए खाने को बार-बार गर्म करके न खाएं, बासी खाने का सेवन न करें, घर का ताजा पका हुआ खाना खाएं, फ्रिज में आटे को गूंथकर रखने की जगह ताजा आटा गूंथे आदि।नोट: डॉ. परवेश मलिक एक फिजिशियन हैं और वर्तमान में पानीपत के उजाला सिग्नस महाराजा अग्रसेन अस्पताल में कार्यरत हैं। डॉ. मलिक ने हरियाणा के महर्षि मार्कंडेश्वर इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंसेज एंड रिसर्च मुल्लाना, से अपना एबीबीएस पूरा किया है। इन्होंने जनरल मेडिसिन में एमडी भी किया। पानीपत के उजाला सिग्नस महाराजा अग्रसेन अस्पताल में काम करने से पहले डॉ. परवेश ने एम.एम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च महर्षि मार्कंडेश्वर यूनिवर्सिटी में जूनियर रेजिडेंट के तौर पर काम किया है।
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