स्वास्थ्य विभाग के छापे में चार क्लीनिक व एक मेडिकल स्टोर सील

संतकबीरनगर जिले में स्वास्थ्य विभाग ने प्रशासन के साथ धनघटा व मेंहदावल क्षेत्र में छापा मारकर चार क्लीनिक व एक मेडिकल स्टोर को सील करने की कार्रवाई की। एक को चेतावनी दी। ये अस्पताल छापे के दौरान कागजात नहीं दिखा सके। क्लीनिक में इलाज करा रहे मरीजों को इलाज के लिए सीएचसी में भर्ती करा दिया गया है। इन अस्पतालों को एक सप्ताह के अंदर कागजात प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। कागजात प्रस्तुत न करने पर सख्त कार्रवाई की हैंसर संवाद के अनुसार जिलाधिकारी के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ एसडीएम व सीओ की संयुक्त टीम ने धनघटा तहसील क्षेत्र में निजी अस्पतालों पर छापा मारा। क्षेत्र के धनघटा, उमरिया, अशरफपुर, सिरसी, हैंसर बाजार सहित कई चौराहों पर संचालित क्लीनिक व हॉस्पिटल पर बड़ी कार्रवाई की। कार्रवाई की जद में आए उमरिया बाजार में स्थित बीके श्रीवास्तव क्लीनिक को सील कर दिया गया। वहीं बालमपुर में तेजस पाली क्लीनिक को भी सील कर दिया गया। इसके बाद टीम सिरसी स्थित ब्राइट हॉस्पिटल पर पहुंचकर उन्हें सील करने की सख्त चेतावनी दी। एक सप्ताह के अंदर कागज न दिखाए जाने पर सील करने की चेतावनी दी। इसके बाद टीम ने हैंसर बाजार में स्थित केवी मेमोरियल हॉस्पिटल पर पहुंचकर वहां पर भर्ती मरीजों को एंबुलेंस के से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैंसर बाजार पर पहुंचा कर हॉस्पिटल को सील कर दिया।

मेंहदावल संवाद के अनुसार अवैध तरीके से चल रहे नर्सिंग होम, मेडिकल स्टोर, झोलाछाप डाक्टरों पर रोक लगाने के लिए एसडीएम योगेश्वर सिंह ने स्वास्थ्य टीम के साथ जांच की। जांच के दौरान मेंहदावल में संचालित एक नर्सिंम होम को सीज किया गया। वहीं रानीपुर में एक मेडिकल स्टोर को भी सीज करने की कार्रवाई की गई। सरकार के निर्देश पर क्षेत्र में चल रहे प्राईवेट अस्पतालों, नर्सिंग होम, मेडिकल स्टोरों तथा झोलाडाप डाक्टरों के खिलाफ अभियान चलाया। इस दौरान कस्बे में चल रहे मां दमयंती नर्सिंग होम एण्ड मैटर्निटी सेन्टर को बिना पंजीकरण के संचालित होने पर सीज करने की कार्रवाई की गई।

वहीं रानीपुर में रामदयाल चौधरी होम्योपैथिक दवाखाना की जांच में बिना पंजीकरण व बिना लाइसेंस के मेडिकल स्टोर का चलाना पाया गया। जिस पर सीज करने की कार्रवाई की। इस मौके पर अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. वीपी पाण्डेय, अधीक्षक डा आईडी गौरव के साथ प्रभारी निरीक्षक जयवर्धन सिंह ने जांच किया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. इंद्र विजय विश्वकर्मा ने बताया कि फर्जी नर्सिंग होम के खिलाफ अब नियमित रूप से अभियान चला कर जांच की जाएगी। ताकि जिले में एक भी झोलाछाप चिकित्सक न बचें। मरीजों का शोषण होने से बचाया जाएगा।