Drone Technology: हवा में 50 दिन से लगातार उड़ान भर रहा अमेरिकी सेना का यह खतरनाक ड्रोन,

in #american2 years ago

वॉशिंगटन: एयरबस कंपनी की तरफ से तैयार जेफेर ड्रोन 15 जून को एक टेस्‍ट फ्लाइट पर रवाना हुआ था। 50 दिन होने को आए हैं और ये ड्रोन अभी तक हवा में ही है। इसे अपने आप में एक उपलब्धि करार दिया जा रहा है। इस ड्रोन को 30 दिन की ही टेस्‍ट फ्लाइट के लिए लॉन्‍च किया गया था। यूएस मिलिट्री की फ्यूचर कमांड की प्रवक्‍ता मैडलिन विन्‍कलर ने बताया है कि 50 दिन के बाद भी से ड्रोन अभी तक हवा में है और इसकी परफॉर्मेंस उम्‍मीदों से कहीं आगे है। मैडलिन ने वॉर जोन मैगजीन से ये बात कही है। ऑनलाइन फ्लाइट ट्रैकिंग साइट्स की तरफ से बताया गया है कि ड्रोन इस समय एरिजोआना के कोफा नेशनल वाइल्‍ड लाइफ रिफ्यूज के ऊपर है। कई दिन और रात से ड्रोन लगातार परफॉर्म कर रहा है। इस ड्रोन युमा प्रॉविंग ग्राउंड (YPG) से टेकऑफ किया था
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सेंसर प्‍लेटफॉर्म भी है ड्रोन
इस ड्रोन की डिजाइन को जेफेर 8 के तौर पर जाना जाता है। इसे सबसे पहले युमा प्रोविंग ग्राउंड पर 15 जून को ऑनलाइन फ्लाइट ट्रैकिंग सॉफ्टवेयर ने ट्रैक किया था। उस समय ये एयरस्ट्रिप पर था और टेकऑफ करने की तैयारी में था। इस ड्रोन को एक सैटेलाइट के तौर पर भी करार दिया जाता है और इसकी क्षमताओं की वजह से इसे खतरनाक बताया जा रहा है। अमेरिकी सेना का कहना है कि इसकी लंबे समय तक उड़ान भरने की क्षमता की वजह से इसे सेंसर प्‍लेटफॉर्म के तौर पर प्रयोग किया जा सकता है।जेफर के विंगस्‍पैन ही इसे सोलर एनर्जी मुहैया कराते हैं। जेफर ने इससे पहले इसी मिशन पर 26 दिनों तक हवा में रहने का रेकॉर्ड बनाया था। फिलहाल बताया जा रहा है कि ये मैक्सिको की खाड़ी की तरफ बढ़ रहा है। ड्रोन ने अपना सबसे ज्‍यादा समय युमा एयर ग्राउंड पर बिताया। दो दिनों के बाद ये वहां से रवाना हुआ और इसने अमेरिका के दक्षिण-पश्चिम में स्थित मैक्सिको की खाड़ी की तरफ जाने वाला रास्‍ता पकड़ा था।
इस ड्रोन का वजन 165 पाउंड है। ये इतना हल्‍का है कि इसे एक छोटी टीम भी लॉन्‍च कर सकती है। ये ड्रोन 76,100 फीट की ऊंचाई पर उड़ सकता है। ये कितनी स्‍पीड में उड़ान भर सकता है, इस बारे में कोई जानकारी नहीं है लेकिन इसकी स्‍पीड 30 नॉट्स से कुछ ज्‍यादा बताई जा रही है। ये ड्रोन खराब मौसम में भी अपने मिशन को पूरा कर सकता हे। इस ड्रोन को सबसे पहले यूनाइटेड किंगडम (यूके) के डिफेंस कॉन्‍ट्रैक्‍टर किनीट्क्‍यू की तरफ से डेवलप किया गया था। इसके बाद साल 2013 में इस डिजाइन को एयरबस को बेच दिया गया।
अमेरिकी मिलिट्री जिसमें सेना और नौसेना दोनों ही शामिल हैं, वो साल 2000 से ड्रोन के कई मॉडल्‍स के साथ प्रयोग कर रही हैं। सबसे पहला ड्रोन बनाने का रेकॉर्ड ब्रिटेन के नाम पर है। ब्रिटेन ने मार्च 1917 में पहला ड्रोन टेस्‍ट किया था। जब अमेरिका पर 9/11 (9/11) हमला हुआ तो उसके बाद से ड्रोन का प्रयोग बढ़ गया। साल 2004 में अफगानिस्‍तान में बड़े पैमाने पर ड्रोन का प्रयोग शुरू हुआ था। आज अमेरिका ड्रोन टेक्‍नोलॉजी में नंबर वन है।