लावारिस नवजात को नहीं मिली पहचान, शिशु गृह भेजा
कन्नौज। जिला अस्पताल की महिला विंग में भर्ती कराए गए लावारिस नवजात की जांच रिपोर्ट स्वास्थ्य आने के बाद शुक्रवार को उसे लखनऊ के राजकीय शिशु गृह भेज दिया गया। अस्पताल में भर्ती रहे इन 13 दिनों में नवजात को पहचान न मिल सकी। लावारिस नवजात को अस्पताल में भर्ती कराने वाली युवती भी कुछ दिन देखभाल करने के बाद चली गई। नवजात के किसी नर्सिंग होम में जन्म होने की आशंका जताई जा रही है।
एसएनसीयू वार्ड के नर्सिंग इंचार्ज वीरेंद्र ने बताया कि सात मई को नसरापुर गांव की प्रिया पाल ने सात मई को नवजात को एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया था। भर्ती के वक्त नवजात के पेट में एक चिमटी (क्वाट क्लीप) लगी थी। प्रसव के बाद नवजात के पेट में चिमटी लगाई जाती है। इसी पर शक हुआ कि नवजात किसी नर्सिंग होम में जन्मा है, जबकि भर्ती कराने वाली युवती कई बार बयान बदल चुकी है।
गुरुवार को लावारिस नवजात के खून का सैंपल जांच के लिए भेजा गया था। शाम को जांच रिपोर्ट के मुताबिक नवजात स्वास्थ्य है। नर्सिंग इंचार्ज वीरेंद्र ने बताया कि गुरुवार शाम को ही नवजात की जांच रिपोर्ट आ थी। शुक्रवार शाम को लखनऊ के लिए भेज दिया गया।
जिला प्रोबेशन अधिकारी इरा आर्या ने बताया कि नवजात की रिपोर्ट आ चुकी है। 13 दिन के इलाज के बाद शुुक्रवार को डॉक्टर, नर्स और महिला सिपाही की देखरेख में एंबुलेंस से नवजात को लखनऊ स्थित राजकीय शिशु गृह के लिए रवाना कर दिया गया।
यह है मामला
शहर के एक निजी अस्पताल में कार्यरत नसरापुर गांव की प्रिया पाल ने सात मई को महिला विंग में सात दिन के लावारिस नवजात को अपने भाई का पुत्र बताकर भर्ती कराया था। बच्चे के रोने पर भूख की तड़प ने पूरे मामले की पोल खोल दी। डॉक्टर ने दूध पिलाने के लिए युवती से नवजात की मां को बुलाने के लिए कहा। युवती गांव के युवक और महिला को नवजात का मां-बाप बनाकर अस्पताल ले आई थी। स्वास्थ्य कर्मचारियों के शक होने पर पूरा मामला खुला।