मास्टर जी की नौकरी गई तो छापने लगे नकली नोट, अब तक बनाए इतने रुपए

in #madyapradesh2 years ago

खरगोन। देश में नकली नोट जमकर चलते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह नकली नोट देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर करने के लिए छापे जाते हैं। इसके पीछे पाकिस्तान का हाथ भी बताया जाता है। लेकिन मध्य प्रदेश में एक टीचर ने खुद ही नोट छापना शुरू कर दिया और अपने ही छात्रों से मार्किट में चलवाने लगा। शायद उसने सोचा होगा कि जब देश में नकली नोट धड़ल्ले से चल ही रहे हैं तो क्यों न बहती गंगा में हाथ धो लिया जाये और इसी नकली नोटों से सब खर्चा-पानी चलाया जाए।
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मामला मध्य प्रदेश के खरगोन का है। यहां पुलिस ने नकली नोट छपने वाले दो आरोपियों कोम गिरफ्तार किया है। खरगोन पुलिस ने शास्त्री नगर स्थित ऐडू की मल्टी से राकेश उर्फ प्रकाश जाधव 32) और विक्की उर्फ विवेक 25) को पकड़ा गया। जांच में सामने आया है कि नकली नोटों को छापने का आइडिया राकेश है। राकेश खरगोन, नीमच, मंदसौर और शिवपुरी के ITI कॉलेज में संविदा पर टीचर रह चुका है। लेकिन कोविड टाइम में उसकी नौकरी चली गई। खाली टाइम में उसने ऑनलाइन गेम खेलना शुरू किया। जिसके बाद उसे गेम खेलने‎ की आदत लग गई। इसी लत ने उसे 4 से 5 लाख रुपए का कर्जदार बना दिया।

कर्ज चुकाने के लिए छापने लगा नकली नोट

जब कर्ज चुकाने की बारी आई तो उसके पास पैसे नहीं थे। तो उसने सोचा क्यों नकली नोट छापे जाएं। कर्ज चुकाने के लिए दिमाग में नकली‎ नोट छापने की बात आई तो‎ यू-ट‌यूब से इसका तरीका सीखा‎ और काम शुरू कर दिया। वह B.sc के साथ ही मैकेनिकल और कम्प्यूटर‎ में ITI पास है। SP धर्मवीर सिंह के मुताबिक, राकेश टेक्नीकली स्किल्ड आदमी है। स्कैनर, कलर प्रिंटर की मदद से हूबहू असली की तरह दिखने वाले नोट छापता था। खरगोन पुलिस ने जब उसे गिरफ्तार किया तो उसके पास से 4‎ लाख 3 हजार 850 रुपए के नकली‎ नोट जब्त किए गए। पूछताछ में उसने पुलिस को बताया कि वह पिछले 1 साल से ये काम कर रहा है। अब तक लगभग 8 लाख रुपए के नकली नोट बाजार में चला चुका है।‎ नकली नोट चलाने के लिए 8 लोगों‎ की एक अलग टीम काम करती है।‎ उन्हें 2 हजार के असली नोटों के‎ बदले 5 हजार के नकली नोट दिए‎ जाते थे।‎

पुलिस ने जब्त किये 449 नकली नोट

पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 50, 200, 500 और 2000 रुपए के 449 नकली नोट जब्त किए हैं। प्रकाश जाधव मूल रूप से धुलकोट खरगोन) का रहने वाला है। अभी शास्त्री नगर मोहल्ले में रह रहा है। रमेश नाले के पास बरुड का रहने वाला है, लेकिन अभी रुद्रेश्वर कॉलोनी में रह रहा है।

ऐसे छापते थे नोट

आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वे नकली नोट छापने के लिए 85 से 90 ग्राम का ए-4 साइज पेपर यूज करते थे, जिससे नोट का वजन असली के बराबर ही हो। आसानी से पहचान न हो, इसके लिए नकली नोट में वह असली नोट की तरह ही हरी चमकीली पन्नी भी लगाते थे। नोट चलाने के लिए मुख्य रूप से ग्रामीण इलाकों या पेट्रोल पंप का चयन करते थे। जहां भी उनके नोटों की डिमांड होती थी और वे आसानी से चल जाते थे, वे वहीं किराए के घर में जाकर रहते थे और वहीं नोट छापा करते थे।