सुबह आँख खुलते ही एक ख़्याल आया
सुबह आँख खुलते ही एक ख़्याल आया, कुछ कमी हैं जो पूरी होनी बाक़ी है, इस बात पर एक मलाल आया, मैं लिखने लगा शब्द नज़्म बने, ज़िक्र पर उनके प्यार आया और प्यार तो ज़रूर हैं सबकी ये एहसास उनसे दूर जाकर आया...!
सुबह आँख खुलते ही एक ख़्याल आया, कुछ कमी हैं जो पूरी होनी बाक़ी है, इस बात पर एक मलाल आया, मैं लिखने लगा शब्द नज़्म बने, ज़िक्र पर उनके प्यार आया और प्यार तो ज़रूर हैं सबकी ये एहसास उनसे दूर जाकर आया...!
किया बात
जोरदार सा
सुबह ही ख्याल आता है