112 साल पहले अंग्रेजों ने बनाया था नीम कॉरिडोर, 960 पौधे लगाए, यहां तापमान भी 5 डिग्री तक कम

in #sumerpur2 years ago

सुमेरपुर से जवाई बांध के बीच 8 किमी का रास्ता हरा-भरा

सुमेरपुर। सुमेरपुर से जवाई बांध के बीच करीब 8 किलोमीटर मार्ग पर 960 नीम के पौधों से बना कॉरिडोर आज भी गर्मी में लोगों को सुकून दे रहा है। इस कॉरिडोर को अंग्रेजों ने 1910 में तैयार करवाया था, उस दाैरान नीम के पौधे लगाए गए। अब इस मार्ग पर तापमान सामान्य से 5 डिग्री तक कम रहता है। पूरा रास्ता नीम के पेड़ों से गुफा की तरह बन गया है और कई बार तो वाहन चालकों को दिन में भी वाहनों की हैडलाइन जलानी पड़ती है।

38.40 लाख की ऑक्सीजन मिल रही रोजाना

जवाई बांध रेलवे स्टेशन से सुमेरपुर रोड तक यह नीम कॉरिडोर बना है। अगर एक लीटर ऑक्सीजन की कीमत 20 रुपए प्रति लीटर भी माने तो हमें प्रतिदिन ये पेड़ 38 लाख 40 हजार रुपए के बराबर ऑक्सीजन दे रहे हैं। रिसर्च के अनुसार एक वयस्क नीम का पेड़ रोजाना करीब 230 लीटर ऑक्सीजन देता है। कॉरिडोर में 960 पेड़ हैं। प्रतिदिन एक पेड़ 200 लीटर ऑक्सीजन भी देता है तो रोजाना औसतन 1 लाख 92 हजार लीटर ऑक्सीजन दे रहे हैं।
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अंग्रेजी हुकूमत में लगे थे नीम के पौधे

वर्ष 1910 में यहां अंग्रेजों ने ये नीम के पौधे लगवाए थे। उस समय अंग्रेजों की फौजें शिवगंज के छावणी क्षेत्र में रहती थी। यहां से युद्ध के लिए पैदल जवाई बांध रेलवे स्टेशन तक जाती थी, उसके बाद ट्रेन से आगे का सफर तय करते थे। उस समय रोड के किनारे पौधे नहीं थे। लेकिन अंग्रेजों ने रोड के दोनों तरफ करीब 960 पौधे लगाए थे।

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