तीन तलाक' के बाद अब ये 'तला सी बला है? मुस्लिम औरतों ने परेशान होकर इसके खिलाफ खोला मोर्चा
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को तलाक-ए-हसन को लेकर अपना पक्ष रखा है। कोर्ट ने कहा कि पहली नजर में तलाक-ए-हसन अनुचित नहीं है। इसी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के जज संजय किशन ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं के पास ये खुला तलाक लेने का अधिकार है। आगे उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता के बातों से सहमत नहीं हैं।सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को तलाक-ए-हसन को लेकर अपना पक्ष रखा है। । कोर्ट ने कहा कि पहली नजर में तलाक-ए-हसन अनुचित नहीं है। इसी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के जज संजय किशन ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं के पास ये खुला तलाक लेने का अधिकार है। आगे उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता के बातों से सहमत नहीं हैं। गाजियाबाद की रहने वाली याचिकाकर्ता ने कोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि तलाक-ए-सहन महिलाओं के प्रति भेदभावपूर्ण है। याचिकाकर्ता के वकील पिंकी आनंद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में पहले ट्रिपल तलाक को अंसवैधानिक करार कर दिया गया है। लेकिन तलाक-ए-हसन मामला अभी तक अटका पड़ा है।