शुक्र डूबे है इस कारण जिन सुहागनों का पहला करवा चौथ है वो इस बार करवा चौथ का वर्त नही रखेंगी...

in #culture2 years ago

शुक्र डूबे है इस कारण जिन सुहागनों का पहला करवा चौथ है वो इस बार करवा चौथ का वर्त नही रखेंगी...
यदि आपकी शादी हाल ही में हुई है और आपका पहला करवा चौथ का व्रत है तो यह खबर आपके लिए जरूरी है। शुक्र ग्रह अस्त होने से इस बार आपको व्रत नहीं रखना है। 20 नवंबर तक शुक्रास्त का मान रहेगा। आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि सुख-वैभव, प्रेम, वैवाहिक सुख देने वाले शुक्र ग्रह के अस्त होने (तारा डूबना) से इस बार पहली बार सुहागिनों को व्रत रखने से बचाना चाहिए।IMG_20221009_121542.jpg
20 नवंबर तक शुक्र अस्त का मान रहने से इस दौरान शुभ कार्य वंचित होंगे। इस दौरान विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य नहीं होंगे। शुक्र ग्रह का अस्त होना सभी लोगों के धन, सुख, प्रेम और वैवाहिक जीवन पर बड़ा असर डालता है। सामान्यत: शुक्र और बृहस्पति के अस्त होने पर मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाता है। सुहागिन पहली बार करवा चौथ व्रत रख रही है वह भी व्रत शुरू न करें। शुक्र अस्त होने से इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। नहीं कर पाएंगी व्रत का उद्यापन
आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि करवा चौथ के व्रत का उद्यापन 16 वर्ष में हो जाता है। बहुत सी स्त्रियां जीवन भर व्रत रखती है। किंतु इस वर्ष करवा चौथ के दौरान शुक्र ग्रह अस्त है। इस कारण जो महिलाएं करवा चौथ का उद्यापन करना चाहती है वह नहीं कर पाएंगी, क्योंकि शुक्र ग्रह अस्त होने से सभी शुभ कार्य वर्जित होते हैं, लेकिन स्त्रियां व्रत रख सकती हैं और चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही अपना व्रत खोल सकती हैं।
आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि 13 अक्टूबर को चतुर्थी शाम 5:45 से 6:59 बजे तक रहेगी। इस दौरान पूजन का शुभ मुहूर्त है। इस बार करवा चौथ में चांद का पूजन विशेष फलदायी होगा। चंद्रमा का पूजन स्त्रियों के लिए पति और बच्चों के लिए अच्छा रहेगा। पूजन चंद्रोदय के पहले करना उत्तम होगा। चंद्रोदय रात 8.07 बजे होगा। इससे पहले प्रदोष बेला में 7.30 बजे तक पूजन कर सकते हैं। चतुर्थी 13 को सुबह 3:01 से शुरू होकर 14 अक्टूबर को 5:43 बजे तक रहेगी। आचार्य आनंद दुबे ने बताया कि मान्यता है कि धातु से बने करवे से चौथ का पूजन करना फलदायी होता है, लेकिन यथा शक्ति मिट्टी के करवे से पूजन भी किया जा सकता है।