विपक्षी एकता को मिलेगी कितनी ताकत? इनेलो की रैली में नीतीश-पवार समेत कई क्षत्रपों का जमघट

in #delhi2 years ago

इनेलो की यह रैली विपक्ष के लिए कितनी असरदार साबित होगी यह तो बाद की बात है, लेकिन इतना जरूर है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कांग्रेस को साथ लिए बिना आगे नहीं बढ़ना चाहते हैं।भारतीय राष्ट्रीय लोकदल (INLD) की ओर से हरियाणा के फतेहाबाद में रविवार को विपक्ष की एक शंखनाद रैली हुई है। इस रैली में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सुप्रीमो शरद पवार, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, माकपा के सीताराम येचुरी और शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल समेत विपक्ष के कई नेता शामिल हुए। विपक्ष की इस रैली को इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि बिहार में एनडीए से अलग होने के बाद नीतीश कुमार पहली बार विपक्ष के किसी बड़े मंच पर नजर आए हैं।IMG_20220925_184418.jpg

रैली को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा, मैं कांग्रेस समते सभी दलों से एकसाथ आने की अपील करता हूं, तभी 2024 के लोकसभा चुनाव में वह (BJP) बुरी तरह से हारेगी। उन्होंने कहा, हिंदुओं और मुसलमानों के बीच कोई लड़ाई नहीं है, वह (भाजपा) अशांति पैदा करना चाहती है। मैं प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं हूं; तीसरे मोर्चे का सवाल ही नहीं उठता, कांग्रेस को साथ लेकर एक मोर्चा होना चाहिए, तभी हम 2024 में भाजपा को हरा सकते हैं।वहीं, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी केंद्र पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर धरना दिया, लेकिन सरकार ने लंबे समय तक उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया। सरकार ने किसान नेताओं के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने का वादा किया, लेकिन उसे पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा, सभी के लिए 2024 में सत्ता परिवर्तन सुनिश्चित करने की दिशा में काम करने का समय आ गया है; किसानों, युवाओं का आत्महत्या करना कोई समाधान नहीं है। इस रैली को लेकर सवाल यह उठ रहा है कि आखिरी नीतीश कुमार और शरद पवार विपक्षी एकता को मजबूत कर पाएंगे या फिर बीच में ही फूट पड़ जाएगी।