सत्कार से मानव जीवन हो जाता है धन्य: डॉ नरेंद्र
सत्कार से मानव जीवन हो जाता है धन्य: डॉ नरेंद्र
बलिया। नगर से सटे मिड्ढा गांव में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन बुधवार की रात आचार्य नरेंद्र त्रिपाठी ने भारत चरित्र, पृयुवासित सुरंजय पारख्यान, भारत देश की महत्ता, अजामिलोपाख्यान, वृत्तासुर आदि के विभिन्न प्रसंगों को सुनाकर श्रोताओं को रसपान कराया। अंत में श्रीमद् भागवत की आरती हुई और श्रोताओं में प्रसाद वितरण किया गया। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में महिला व पुरुष श्रोता मौजूद रहे।
कहा कि सत्संस्कार से मानव में मानवता आती है। भगवान अपने लिए अलग से घर नहीं बनाते है वे सभी जीवों में निवास करते है। संस्कार विलेन मानव इसे नहीं समझ पाते है। भगवान को प्राप्त करने के लिए दया, करुणा, मैत्री, अन्तःकरण की पवित्रता समता आदि सत्संस्कार का होना अतिआवश्यक है। इससे परमात्मा प्रसन्न होते है। इस अवसर पर श्रद्धेय सन्त बालक बाबा भी बुधवार की रात मंच पर पहुंचे और आयोजक व श्रोताओं को आशीर्वाद दिया। इस मौके पर आयोजक शैलेंद्र सिंह, यजमान इंद्रजीत सिंह, गौरीशंकर सिंह, गुप्तेश्वर नाथ पांडेय, ओमप्रकाश पांडेय, धर्मचाल सिंह, बुल्लू सिंह, सुनील सिंह, प्रहलाद चौहान मुस्तफा अंसारी समेत सैकड़ों महिला पुरुषों ने कथा का रसपान किया।