चरागाह पर दबंगों की कुदृष्टि! आठ एकड़ चरागाह बन गया खेत*

in #news2 years ago

संतोष दीक्षित

महोली (सीतापुर) भले ही इन दिनों योगी सरकार सरकारी भूमि दबंगों से मुक्त कराने के लिए सख्त बनी हुई है, लेकिन जब तक सरकारी कर्मचारी अपने कर्तव्यों के प्रति वफादारी नही निभाएंगे तब तक योगी सरकार का सपना पूरा नही हो सकता है,
बता दे कि काफी समय पहले महोली कस्बे के दक्षिण पूर्व शमशान घाट के निकट कठिना नदी के किनारे सरकार द्वारा तकरीबन 8 एकड़ की भूमि चरागाह के लिए सुनिश्चित की गई थी , जिससे कुछ वर्ष पहले तक ये चरागाह नगर व आसपास के पशुओं का पेट भरता था, लेकिन जमीन के लोभी लोगों ने पशुओं का पेट भरने वाले चरागाह पर अपना कब्जा करना शुरू कर दिया , चरागाह के प्रति सम्बन्धित अधिकारियों की उदासीनता के चलते चरागाह के पास स्थित कुछ खेत मालिकों के द्वारा लगभग पूरा चरागाह कब्जा कर अपने खेत में मिला लिया गया है ,
मोहल्ला विकास नगर के पीछे से कठिना नदी तक जाने वाला पूरा रास्ता दबंगों के खेत में मिल गया जिसके चलते अन्य खेत मालिकों ने अपने अपने खेतों का विस्तार करना शुरू कर दिया , चरागाह के प्रति आज की तस्वीर बयां करती है कि भृष्टाचार केवल सरकारी कार्यालयों में ही नही बल्कि मौका मिलने पर आम आदमी भी भृष्टाचार कर सकता है ,चरागाह के बारे मे पूछने पर आसपास मौजूद चरवाहों ने बताया कि काफी समय पहले यहाँ पर काफी बड़ा चरागाह हुआ करता था जिसमें नगर व आसपास के चरवाहे अपने पशुओं को चराया करते थे , मगर कुछ वर्षों से आसपास के खेत मालिकों ने चरागाह को कब्जा कर अपने खेत में मिला लिया और नदी तक जाने वाला सारा मार्ग भी बंद कर दिया है,
साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि बचे हुए चरागाह मे नगर पंचायत के द्वारा बनवाये गए कान्हा गौशाला की मृत गौ वंशो को दफन किया जाता है जिसकी वजह से भीषण बदबू फैलती रहती है और अब वहाँ पर कोई भी पशु जाना नही पसंद करता है , पशु मालिक घनश्याम मिश्रा ने बताया कि उनके द्वारा कई बार भूमाफियाओं से चरागाह मुक्त करवाने के लिए तहसील प्रशासन को प्रार्थनापत्र दिये जा चुके हैं, कई बार समाचार पत्रों मे भी इस कब्जेदारी को प्रमुखता से उल्लेख किया गया है, मगर आज तक कोई प्रशासनिक कार्यवाही नही की गई है, बल्कि शिकायत पर लीपापोती कर मामले को दबा दिया गया है, जिसकी वजह से चरागाह पर कब्जा करने वाले दबंगों के हौसले बुलंद है , और बची हुई जमीन पर भी उनकी कुदृष्टि जमी हुई है,