द्रौपदी मुर्मू पर तो हम भी राजी हो जाते, पर भाजपा ने बताया ही नहीं: ममता बनर्जी

in #politics2 years ago

President Election: ममता बनर्जी ने कहा कि यदि एनडीए की ओर से पहले ही द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी के बारे में बता दिया जाता तो हम भी राजी हो जाते और सर्वसम्मति से उन्हें चुना जा सकता था।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अहम टिप्पणी की है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि यदि एनडीए की ओर से पहले ही द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी के बारे में बता दिया जाता तो हम भी राजी हो जाते और सर्वसम्मति से उन्हें चुना जा सकता था। ममता बनर्जी ने द्रौपदी मुर्मू की जीत की संभावनाएं ज्यादा होने की बात भी स्वीकार की। उन्होंने कहा, 'भाजपा ने हमारा सुझाव तो लिया था, लेकिन अपने कैंडिडेट के बारे में कुछ नहीं बताया था।' बता दें कि टीएमसी से ही इस्तीफा देने वाले यशवंत सिन्हा को विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति चुनाव के लिए संयुक्त उम्मीदवार घोषित किया गया है।

ममता बोलीं- पहले पता होता तो आम सहमति पर विचार करते

ममता बनर्जी ने कहा, 'यदि हमें पता होता कि वे आदिवासी महिला या फिर अल्पसंख्यक समुदाय के किसी व्यक्ति को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाना चाहते हैं तो फिर हम भी विचार करते। हमारे मन में आदिवासी समुदाय के लोगों के प्रति बहुत सम्मान है और वह तो एक महिला भी हैं।' उन्होंने कहा कि एपीजे अबुल कलाम के वक्त भी हुआ था। उन्होंने कहा कि हमारा 16 से 17 पार्टियों का गठबंधन है और हम अकेले ही पीछे नहीं हट सकते हैं और भी लोग हैं। वहीं अब ममता बनर्जी की टिप्पणी पर कांग्रेस का भी रिएक्शन आया है।

कांग्रेस का तंज, मोदी के दबाव में आ गई होंगी दीदी

अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हो सकता है कि उन पर भाजपा की ओर से दबाव हो। अधीर रंजन चौधरी ने कहा, 'ममता बनर्जी ने ही अपने फैसले पर सभी से सहमत होने को कहा था। ममता बनर्जी का नाम भी उन्होंने ही सुझाया था। अब वह अपनी जिम्मेदारी से ही भाग रही हैं।' चौधरी ने कहा कि अब वह यूटर्न लेती हैं तो इसका मतलब होगा कि भाजपा से उन्हें कॉल आया है। उन पर पीएम नरेंद्र मोदी का दबाव होगा। आखिर उनके पीएम नरेंद्र मोदी के साथ अच्छे रिश्ते भी हैं। उन्होंने कहा कि हमारे लिए तो भाजपा का मुकाबला करना सिद्धांतों की लड़ाई है।