तांत्रिकों के मकड़जाल ने कराया दंपति से यह घृणित कांड

in #kaleja2 years ago

_1605562499.jpgअनपढ़ आबादी, गरीबी और नशा। अंधविश्वास की फसल लहलहाने को और क्या चाहिए। जिस गांव की बच्ची बेरहमी से कत्ल की गई, वह तांत्रिकों के मकड़जाल में फंसा हुआ है। आसपास के गांवों के कुछ पढ़े लिखे लोगों ने कहा-यहां घर-घर कोई न कोई तांत्रिक पैठ बनाए हुए है। बीमारी में अस्पताल नहीं मुर्गे की बलि, पैसा कमाने को मेहनत नहीं बकरे की बलि, दुश्मन को ठिकाने लगाने के लिए शराब और बकरे की बलि। संतान के लिए कभी बकरों की बलि तो अब यह कलेजा कांड....।गांव में ही पांच लोग तंत्र-मंत्र का जाल फैलाए हुए हैं। बहुत संभव है कि इनमें से ही किसी ने मासूम बच्ची का कलेजा खाने से संतान होने की बात इन नराधमों के मन में डाली हो। पुलिस ने जब परशुराम से कलेजा खाने की वजह पूछी तो उसके चेहरे पर पश्चाताप की राई भर झलक नहीं थाी। उसने कहा कि सभी लोग जानते हैं कि किसी बच्ची का कलेजा खाने से निस्संतानों के बच्चे पैदा हो जाते हैं। पुलिस उससे यह राय देने वाले तांत्रिक का नाम जानने की कोशिश कर रही है।
बच्‍चे की चाहत में हैवानियत की हद, मासूम से गैंगरेप कर पेट फाड़ा, दंपति ने खाया कलेजा
अब इतने बड़े कांड के बाद पुलिस और प्रशासन सभी तांत्रिकों को निशाने पर लेंगे। छापे पड़ेंगे। कुछ और लोग पकड़े-छोड़े जाएंगे। कुछ जेल भेजे जाएंगे। इस सिलसिले को लेकर पुलिस पर उंगलियां भी उठ सकती हैं। लेकिन इससे वह बच्ची को वापस आने से रही....। उसकी मां के जख्म तो भरने से रहे। ऐसे अंधविश्वासों का धंधा करने वालों पर पहले ही शिकंजा कसा जाता तो यह जान बच सकती थी। फाइलों में एक और हत्या, गैंगरेप और पॉक्सो का केस दर्ज हो गया है पर क्या गारंटी कि आगे कभी संतान के लोभ में कोई बच्ची बलि नहीं चढ़ेगी? अंधविश्वास की दुकानें बंद करा दी जाएंगी।फेफड़े-दिल और आंतें सब निकाल लीं

पोस्टमार्टम करने वाली टीम के हाथ भी बच्ची के शव का परीक्षण करते हुए कांप उठे। पोस्टमार्टम सूत्रों के मुताबिक बच्ची के पेट में अंदर कोई अंग था ही नहीं। दिल, फेफड़े, लिवर, आंतें, किडनी, स्प्लीन और इन अंगों को आपस में जोड़े रखने वाली मेंब्रेन तक गायब थी। बच्ची के निजी अंगों में चोट के निशान पाए गए हैं। दरिंदों ने मासूम से गैंगरेप किया, जिसकी पुष्टि इन निशानों से हो रही है। हालांकि पोस्टमार्टम से पहले लिए गए सैंपल की जांच से इसका पुख्ता पता चलेगा। जिस वक्त कत्ल हुआ, बच्ची के पेट में कुछ था या नहीं, आंतें गायब होने की वजह से इसका पता भी नहीं चल सका। हालांकि दरिंदों ने कबूल किया कि बच्ची को बहला कर लाते वक्त उन्होंने गांव के इदरीस की दुकान से नमकीन और बिस्कुट खरीदे थे। बच्ची को खिलाने की कोशिश भी की पर उसने कुछ नहीं खाया। इदरीस ने पूछताछ में आरोपितों द्वारा बताए गए वक्त पर बताया गया सामान खरीदे जाने की पुष्टि की।बच्ची का पोस्टमार्टम डा. आलोक मिश्रा और डा. महेन्द्र कुमार के पैनल ने किया। मासूम की दो स्लाइड बनाई गई हैं, जिन्हें जांच के लिए भेजा जाएगा।