चीफ जस्टिस की कोर्ट में बच्चे ने कहा- पापा मम्मी को टॉर्चर करते थे, इसलिए.., जानें क्या है मामला?

in #chhattisgarh2 years ago

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर हाई कोर्ट में 12 साल का बच्चा अपना पक्ष रखने पहुंचा. चीफ जस्टिस के डिविजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई. बच्चे ने कोर्ट में अपने पहले पिता को लेकर कहा कि उसे अपने पापा के साथ नहीं रहना है. अपने पापा का दिया गिफ्ट भी उसे नहीं चाहिए. क्योंकि उसकी मम्मी को पापा टार्चर करते थे.
बिलासपुर. छत्तीसगढ़ की बिलासपुर हाइ कोर्ट में बच्चे की कस्टडी को लेकर बड़ा फैसला हुआ. दरअसल बीते बुधवार को चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में एक बच्चे ने कहा कि उसको अपने पिता के साथ नहीं रहना. बल्कि वह अपने दूसरे पापा के साथ रहना चाहता है. उनका दिया गिफ्ट भी नहीं चाहिए. क्योंकि पहले पापा मम्मी को टॉर्चर करते थे. अदालत ने बच्चे की दलली सुनने के बाद मामले में अपना फैसला दिया और केस को निराकृत किया गया.दरअसल दूसरी शादी करने के बाद पिता ने अपने बच्चे की कस्टडी पाने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी. सुनवाई के दौरान कोर्ट के आदेश पर बच्चे को चीफ जस्टिस के सामने उपस्थित किया गया. बच्चे ने कहा कि मुझे नहीं रहना है पहले पापा के पास. बच्चे ने कहा मैं अपने दूसरे पापा और नाना-नानी के ही साथ रहना चाहता हूं. हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद बच्चे को दूसरे पिता के साथ भेजने के निर्देश देते हुए याचिका दायर करने वाले पिता की याचिका को निराकृत कर दिया.
इस प्रकरण में फैसला
दरअसल जगदलपुर की रहने वाली महिला का मुंबई निवासी व्यक्ति से 2004 में विवाह हुआ. तीन साल बाद दोनों का एक बच्चा हुआ. शादी के 15 साल बाद 2019 में दोनों ने आपसी सहमति से तलाक ले लिया. तलाक के बाद पहले पति ने दूसरा विवाह कर लिया और इधर पत्नी ने भी दूसरा विवाह कर लिया. दूसरे पति के साथ बच्चे के साथ उसकी मां अपने मायके वाले घर के एक हिस्से में ही रहने लगी. 2021 में कोरोना से बच्चे की मां की मौत हो गई. अब पहले पिता ने बच्चे से संपर्क कर उसे पाना चाहा तो मायके वालों और दूसरे पिता ने मना कर दिया. इसको लेकर पिता ने हाई कोर्ट में बच्चे की कस्टडी पाने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की. इधर बच्चे के दूसरे पापा और नाना-नानी बच्चे को कोर्ट में लाए, जहां बच्चे ने पहले पापा के साथ रहने से साफ इंकार कर दिया.
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