OPINION: रेलवे के विद्युतीकरण मिशन ने मोदी राज में पकड़ी रफ्तार, रिकॉर्ड स्पीड से हो रहा काम

in #indian2 years ago

Indian Railway News: 2014 में पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार गठन के बाद रेलवे के विद्युतीकरण की परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जाने लगी. 2014 में 21,801 किमी से बढ़कर 2022 की 31 जुलाई तक ही 52,247 किमी तक का विद्युतीकरण का काम पूरा हो चुका है.
नई दिल्ली. एक छोटी सी कहानी से लिखना शुरू करता हूं. एक ही पटरी पर दो रेलवे इंजन पूरी स्पीड में आगे बढ़ रहे थे. दोनों इंजन जब ठीक आमने-सामने आए तो सुरक्षा कवच यानि एटी कोलिजन डिवाइस काम कर गया. दोनों इंजन टकराने से बच गए. जानकारी के लिए बता दें कि ये टेस्टिंग चल रही थी, रेलवे के सेफ्टी सिस्टम के आधुनिकीकरण की. एक इंजन में खुद केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव थे और दूसरे में चेयरमैन रेलवे बोर्ड. अश्विनी वैष्णव शायद पहले मंत्री होंगे, जिन्होंने खुद आगे बढ़कर ऐसी टेस्टिंग की हो, जिसमें खतरे की आशंका भी थी. लेकिन पीएम मोदी सरकार में रेलवे का ट्रैक रिकॉर्ड देखते हुए तो यही लगता है कि ये एंटी कोलिजन डिवाइस, जिसे कवच का नाम दिया गया है, जल्दी ही तमाम महत्वपूर्ण रूटों पर लग जाएगा.रेलवे के फ्रेट कॉरीडोर के काम में तेजी लाने का मामला हो या फिर नई ट्रेनों को शुरू करने का. या देश भर के स्टेशनों के कायाकल्प का काम, ना सिर्फ शुरू हो चुका है, बल्कि तेजी भी पकड़ रहा है. लेकिन एक काम जो आजादी के 50 साल बाद तक गति नहीं पकड़ पा रहा था, यानि रेलवे ट्रैक्स के विद्युतीकरण की मुहिम, उसे मुकाम तक पहुंचाने का बीड़ा उठा लिया है पीएम मोदी की सरकार ने. जिस तरह से सड़कों के निर्माण में हर दिन एक रिकॉर्ड बनाने की कोशिश हो रही है, ठीक उसी तर्ज पर केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के कार्यकाल में रेलवे ने विद्युतीकरण का काम शुरू किया है. सभी रेलवे लाईनों के विद्युतीकरण की प्रक्रिया में पीएम मोदी की सरकार के कार्यकाल में गजब की तेजी आई है.31 जुलाई, 2022 तक के मिले ताजा आंकड़ों के मुताबिक 1951 से लेकर यूपीए की मनमोहन सिंह सरकार के कार्यकाल 2014 तक रेलवे का विद्युतीकरण 21,413 किमी था, जो 2014-2022 में बढ़ कर 30,585 किलोमीटर तक जा पहुंचा है. वर्ष 1951 से अब तक के आंकड़ों के मुताबिक 1951 में रेलवे के विद्युतीकरण की शुरुआत हुई तो 388 किमी तक पहुंची. 1961 में 748 किमी तक, 1971 में 3706 किमी, 1981 में 5345 किमी, 1991 में 9968 किमी, 2001 में 14856 किमी, 2011 में 19607 किमी तक रेलवे का विद्युतीकरण हुआ.2014 में पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार गठन के बाद रेलवे के विद्युतीकरण की परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जाने लगी. 2014 से 2022 तक के आंकड़े देखें तो स्थिति साफ हो जाती है कि किस तेजी से काम चल रहा है. 2014 में 21,801 किमी तक काम हुआ, फिर 2019 में यह बढ़कर 34,319 किमी हो गया. 2021 में विद्युतीकरण का आंकड़ा 45881 किमी हो गया तो 2022 की 31 जुलाई तक ही 52,247 किमी तक का विद्युतीकरण का काम पूरा हो चुका है.देश भर में सफलतापूर्वक लागू हो जाने के बाद तय है कि ये योजना रेलवे के माध्यम से विकास की रफ्तार को और गति देगी.
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