मुख्यमंत्री गहलोत के नाम से तीन लाख ठगने का प्रयास, ठग ने मंत्री और एडीजी को भी बनाया मोहरा

in #jaipur2 years ago

राजस्थान के जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नाम पर ठगी करने के प्रयास का मामला सामने आया है। साइबर ठग ने व्हाट्सएप डीपी पर सीएम गहलोत की फोटो लगाकर ठगी की कोशिश की। आरोपी ने सचिवालय के डीएस प्रोटोकॉल नरेश विजय से 3 लाख के अमेजन गिफ्ट कार्ड मांगे। नरेश ने मामले की जानकारी सीएम कार्यालय के अधिकारियों के दी जिसके बाद यह मामला सामने आया। अधिकारियों ने केस दर्ज करा दिया है। बता दें कि बीते बुधवार को एसीबी एडीजी दिनेश एमएन के नाम से भी ठगी के प्रयास का मामला सामने आया था।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार साइबर ठग ने 96017 89128 नंबर से एक व्हाट्सएप अकाउंट बनाया गया। जिसकी डीपी पर सीएम अशोक गहलोत की फोटो लगाई और व्हाट्सएप पर सचिवालय के डीएस प्रोटोकॉल नरेश विजय को एक मेसेज भेजा। उसने पूछा कि क्या आप अमेजन गिफ्ट कार्ड के बारे में जानते हैं? मैं एक जरूरी बैठक में हूं, पैसों की जरूरत है। आप, 10-10 हजार रुपये के 30 अमेजन गिफ्ट कार्ड मुझे भेजें। यानि साइबर ठग ने 3 लाख रुपए की डिमांड की। हालांकि, विजय ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने तत्काल उच्च अधिकारियों से इसकी शिकायत दीScreenshot_20220727-155741_Chrome.jpg

गहलोत सरकार में मंत्री सालेह मोहम्मद के नाम से ठगी करने का मामला सामने आया है। कैबिनेट मंत्री शाले मोहम्मद ने ट्वीट कर कहा कोई अपना नाम शाले मोहम्मद बताकर लोगों को ठगने की कोशिश कर रहा है । 7987793382 नंबर का इस्तेमाल कर पैसे की मांग कर रहा है। कृपया इस नंबर के झांसे में न आएं। यह मेरा नंबर नहीं है। मेरे पास मेरे आधिकारिक नंबर के अलावा कोई अन्य नंबर नहीं हैScreenshot_20220728-112018_Chrome.jpg

एडीजी दिनेश ने नाम से भी ठगी का प्रयास
इससे पहले बुधवार को व्हाट्सएप पर एसीबी एडीजी दिनेश एमएन का फोटो लगाकर ठगी करने का प्रयास किया गया था। व्हाट्सएप पर फेक प्रोफाइल बनाकर ठग ने विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों से रुपये और गिफ्ट वाउचर की मांग की थी। साइबर ठगों ने 8839060836 नंबर से व्हाट्सएप पर फेक प्रोफाइल बनाई और उस पर एडीजी दिनेश एमएन का फोटो लगाया। इसके बाद विभाग के अधिकारी और कर्मचारी को व्हाट्सएप पर मैसेज कर रुपये और अमेजन गिफ्ट वाउचर की मांग की। ठगों ने मैसेज में कहा कि वह एक मीटिंग में व्यस्त हैं, जल्द रुपये ट्रांसफर कर दें। विभाग के अधिकारी और कर्मचारी को जैसे ही ठगों का मैसेज मिला तो एडीजी दिनेश एमएन की फोटो देखकर वह हैरान रह गए। एडीजी का नंबर नहीं होने के कारण उन्होंने इसकी जानकारी एडीजी को दी, जिसके बाद मामला सामने आया।

Screenshot_20220727-195837_Chrome.jpg