भरत जैसा ना कोई हुआ और ना कोई होगाः राकेश उपाध्याय
शामली। गढीपुख्ता में श्रीराम कथा में भरत चरित्र का सुंदर वर्णन संत के श्रीमुख से किया गया। श्रद्धालु भरत जी के चरित्र की कथा सुनकर गदगद हो उठे। संत बोले कि भरत जैसा भाई ना हुआ है और ना ही होगा। कस्बे के मोहल्ला पूर्वी कश्यप पूरी में डॉक्टर श्रीनिवास बागड़ी के आवास पर चल रही भव्य श्री राम कथा में कथावाचक महाराज राकेश उपाध्याय ने भरत चरित्र का वर्णन करते हुए कहा रामराज का सुरक्षित कवच अगर कोई है तो वह भरत लाल जी हैं ।भाई के प्रति केकई जननी मां का भी परित्याग कर दिया ओर जीवन में लौट कर कभी केकई को मां नही कहा अपितु कहा केकई मां नहीं ममता पर कलंक है। एक बेटा मां से केकई कि तुम बांझ क्यों नहीं रह गई तेरे मुंह में कीड़े क्यों नहीं पड़े जब तूने भैया राम से वनवास मांगा तेरी जीभ गलकर क्यों नहीं गिर गई ऐसे है भरत जी ।इसलिए संत कहते हैं भरत जैसा भाई ना हुआ ना होगा भरत जी चित्रकूट से रामलला सरकार की चरण पादुका लाते हैं और सिंहासन पर सजाते हैं इसलिए भरत जी को मर्यादा सौतन श्री राम जी के रामराज का कवच स्वीकार आ गया इस दौरान पुनाराम बागड़ी डॉक्टर संदीप बागड़ी विशाल बागड़ी लाला मुकेश लाला पंकज अभिषेक हरवीर सभासद नत्थू राम कुसुम बागड़ी राजबाला राजकुमारी बागरी आरती बागड़ी मुनेश बागड़ी आदि सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे।