शिक्षा के बिना अधूरा है समाज सुधार का सपना-मौलाना शाहिद
-नौजवानों के हाथ में होता है कौम का मुस्तकबिल
-इस्लामनगर में आयोजित हुआ इस्लाहे मुआशरा का कार्यक्रम
शिक्षा के बिना समाज सुधार का सपना बेमानी है शिक्षा के साथ ही कोई समाज एक बेहतर समाज स्थापित कर सकता है किसी कौम का मुस्तकबिल (भविष्य ) युवाओं के हाथ होता है समाज सुधार की दिशा में अगर युवा पीढ़ी आगे आये तो उस कौम का भविष्य उज्जवल हो सकता है। उक्त बातें मंगलवार रात नगर पंचायत मगहर के मोहल्ला इस्लामनगर स्थित मस्जिदे बिलाल में इस्लाहे मुआशरा के तहत आयोजित जलसे को खिताब करते हुए जमीअत उलेमा ए हिंद के जनरल सेक्रेट्री मौलाना शाहिद साहब ने कहीं ।
उन्होने कहा कि आज समाज में हम एक दूसरे की बुराई पर ज्यादा ध्यान देते हैं जबकि हमें अपने और अपने परिवार के अंदर पनप रही बुराइयों पर ध्यान देने की जरूरत है जब हमारे पाल्य और परिवार के लोग सामाजिक बुराई से परहेज करने लगेंगे तो एक दिन सारा मोआशरा (समाज) स्वंय बेहतर बनेगा।
इसके अलावा मदरसा अरबिया के प्रधानाचार्य मुफ्ती असदुल्लाह साहब ने कहा कि आज युवा पीढ़ी जिस तरह से अपनी सामाजिक सभ्यता को छोड़कर गैर सामाजिक सभ्यता को अपनाने की दौड में है जिससे युवाओं को भविष्य अंधकारमय हो सकता है हमें अपने बडों के बताये सत्कर्मों को अपनाने से ही सफलता मिलेगी। इसके अलावा शायर हाफिज मो कासिम साहब ने शायराना कलाम से समाज के प्रति सबको जगाने का प्रयास किया। जलसे का आगाज कारी आबिद अली ने कुरआन पाक की तिलावत से की ।जलसे की सदारत (अध्यक्षता) हाफिज मो अकरम साहब ने किया।
इस अवसर पर कारी मो अहसन हाफिज हकीमुल्लाह मौलाना खुर्शीद साहब हाफिज सईदुर्रहमान मौलवी नूर मोहम्मद हाफिज रिजवान मो आसिफ मो आलम शहाबुद्दीन के अलावा तमाम लोग मौजूद रहे।