बीजेपी नेता अनिल त्यागी बोले विधायक संजीव झा को जवाब देना चाहिए।

in #wortheum2 years ago

लोकतंत्र की खूबसूरती बनाए रखने के लिए सत्तापक्ष को विपक्ष के हर वाजिब सवाल पर जवाब देना चाहिए!
बात देश की हो या दिल्ली की उदाहरण के तौर पर आप तिमारपुर या बुराड़ी विधानसभा को देख लीजिये! विपक्ष (बीजेपी /कॉंग्रेस) या तो बोलता ही नहीं है और कभी बोल भी जाए तो सत्तापक्ष उनकी बात हल्के में ले रहे हैं, जिसे लोकतांत्रिक व्यवस्था में साफ साफ विपक्ष का घोर अपमान माना जाता है।

Picsart_22-08-27_03-24-17-984.jpg

बुराड़ी में समाजसेवी गौरव सिंह एक निर्दलीय विपक्ष है जिन्होंने भ्रष्टाचार सहित कई संगीन आरोप विधायक संजीव झा पर लगाए हैं लेकिन न ही कभी विधायक ने और न ही आम आदमी पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं ने, गौरव सिंह को रोकने का प्रयास किया और न ही उनके आरोपों का कभी खुलकर खंडन किया!
जिससे प्रतीत होता है कि बुराड़ी के विकास में बहुत बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हो रहा है जिसमें विधायक संजीव झा की भी स्थिति संदिग्ध हैं।

FB_IMG_1661545315681.jpg

भ्रष्टाचार के खिलाफ बुराड़ी में उठ रही सामाजिक आवाज़ों के चलते आखिरकार कॉंग्रेस/बीजेपी के कुछ नेताओं में चेतना जाग रही है, जिनमे एक नाम बीजेपी नेता का भी जुड़ गया है!
बुराड़ी वॉर्ड से पूर्व पार्षद अनिल त्यागी ने यह कहकर बुराड़ी की राजनीति में हलचल मचा दी, कि विधायक जी को गौरव सिंह की बात का जवाब देना चाहिए!

IMG-20220826-WA0009.jpg

अब सवाल तो बनता है कि, क्या अनिल त्यागी या अन्य स्थानीय बीजेपी / कॉंग्रेस के नेताओं को नही पता कि गौरव सिंह के विधायक संजीव झा पर लगाए गए आरोप सही है या गलत है?

FB_IMG_1661545201845.jpg

अगर मान लिया जाए विधायक संजीव झा जवाब देकर सभी आरोपों को नकार दे? जैसे तिमारपुर विधायक दिलिप पांडे आरटीआई दस्तावेज को फर्जी बताकर भ्रष्टाचार पर जवाब देने की बजाय वहां से निकलना बेहतर समझते हैं, ऐसे में अवैध कब्जे, मानकों के विपरित विकास कार्य या फिर मूल मुद्दा भ्रष्टाचार जिसके आरोप गौरव सिंह विधायक संजीव झा पर लगा रहे है वो सब झूठे हो जाएंगे?

FB_IMG_1661545639546.jpg

FB_IMG_1661545913669.jpg

दरअसल भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बुराड़ी में कई बीजेपी नेताओं का नाम विधायक के ही बराबर है और इसी कारण स्थानीय मामलों में BJP + AAP का एक बेहतरीन गठजोड़ है जिसके फलस्वरुप भ्रष्टाचार कोई भी करें लेकिन विरोध कोई नहीं करता।

FB_IMG_1661545613704.jpg

आज दिल्ली में "भ्रष्टाचारी कौन"? यह सवाल सुर्खियों में हैं, जहां एक तरफ शराब घोटाले पर कानूनी जांच चल रही है वही दूसरी तरफ AAP विधायक कह रहे हैं उन्हें बीस करोड़ देकर BJP खरीदना चाहती है और BJP कह रही है कि मनीष सिसोदिया चोर है।

IMG_20220827_014454.jpg

अब यदि ₹600 करोड़ का शराब घोटाला हुआ हो या फिर ₹20-20 करोड़ के ऑफर के ₹800 करोड़ किसके है? दोनों ही खुलासे के बाद भ्रष्टाचारियों के चेहरे से नकाब हटता जा रहा है और आमजन में तेजी से चर्चा हो रही है कि दोनों दलों में कौन चोर है और कौन कट्टर ईमानदार? ऐसे राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप के माहौल में सोशल मीडिया पर देखने को मिल रहा है कि खुद को कट्टर ईमानदार बताने वाले जनप्रतिनिधियों के भ्रष्टाचार के चर्चे क्षेत्रीय निवासी सार्वजनिक रूप से कर रहे हैं।
बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच भ्रष्टाचार पर शुरू हुई तीखी तकरार के बाद कुछ बड़े नेताओं की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर जमकर शेयर की जा रही है जिन्हें देखकर दिल्ली की जनता अनुमान लगा रही है कि किसने किसको खरीदने की कोशिश की और किसने किसके भ्रष्टाचार को छुपाने का प्रयास किया।

FB_IMG_1658678922583.jpg

फिलहाल दिल्ली की जनता को पता है कि जिस भ्रष्टाचार को लेकर आज बीजेपी और आम आदमी पार्टी आमने सामने है इसी भ्रष्टाचार पर दोनों ही दलों के नेताओं की स्थिति एक समान हैं।
जिसमें कुछ नेता ऐसे भी हैं जो अब सार्वजनिक रूप से लिखने लगे हैं कि तथ्य आधारित लग रहे आरोपों पर सत्तापक्ष को जवाब देना चाहिए ताकि लोकतंत्र की खूबसूरती बनी रहे और जनता को भ्रष्टाचार मुक्त ज़न सुविधाएं प्रदान की जा सके।
अब देखना होगा कि भ्रष्टाचार के स्थानीय मामलों में अन्य विपक्षी नेता भी सत्तापक्ष के खिलाफ आवाज बुलंद करेंगे या आने वाले निगम चुनाव के लिए दोनों ही राजनीतिक दल दिल्ली की जनता को ऐसे ही गुमराह करने का काम करते रहेंगे।