कछौना के 'शौर्य' ने आईएएस बनकर रचा इतिहास, UPSC में ऑल ओवर इंडिया हासिल की 281वीं रैंक।

in #upsc2 years ago

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कछौना(हरदोई)।जनपद के नगर निकाय कछौना पतसेनी निवासी 27 वर्षीय शौर्यमन पटेल ने संघ लोक सेवा आयोग(यूपीएससी) की परीक्षा में ऑल ओवर इंडिया 281वीं रैंक हासिल कर इतिहास रच दिया है। शौर्यमन के आईएएस में चयनित होने की खबर से कछौना की माटी गौरवान्वित हो उठी।281वीं रैंक लाकर शौर्यमन ने अपने परिवार,नगर सहित जिले का नाम रोशन किया है।

बताते चलें कि यूपीएससी की परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है।इसे क्लीयर करने के लिए अभ्यर्थी कई सालों तक तैयारी करते हैं।कई सफल होते हैं तो वहीं कई अभ्यर्थी सालों की मेहनत के बाद भी असफल रह जाते हैं।बीते कल यानी सोमवार को घोषित हुए यूपीएससी के फाइनल रिजल्ट में हरदोई जनपद के कछौना नगर निवासी शौर्य मन पटेल को ऑल ओवर इंडिया में 281वीं रैंक हासिल हुई।नगर के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान श्री-जानकी प्रसाद इंटर कॉलेज,एस.एम.डी. पटेल महाविद्यालय के प्रबंधक व भारतीय जनता पार्टी-हरदोई के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के जिला उपाध्यक्ष डॉ शिवराज सिंह पटेल के होनहार बेटे शौर्य के आईएएस बनने पर पूरा कछौना नगर स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहा है। आईएएस में चयनित होने पर शौर्यमन व उनके पिता शिवराज सिंह पटेल को कछौना नगरवासियों, जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों व भाजपा पदाधिकारियों द्वारा मिलकर अथवा फोन व अन्य सोशल मीडिया विकल्पों द्वारा बधाई देने का सिलसिला लगातार जारी है।घर पर आकर बधाई देने वालों के लगे अनवरत क्रम से घर में त्यौहार जैसा माहौल बना हुआ है।

ऑल ओवर इंडिया में 281वीं व ओबीसी वर्ग की उपलब्ध 49 सीटों में 42वीं रैंक हासिल करने वाले शौर्यमन पटेल ने नर्सरी से लेकर इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई अपने पिता के ही विद्यालय श्री-जानकी प्रसाद इंटर कॉलेज, कछौना से पूरी की है। तत्पश्चात वो भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान(आईआईटी),कानपुर से प्रौद्योगिकी स्नातक(बी-टेक) करने के बाद सिविल सेवा की तैयारियों में जुट गए, जिसमें उन्हें अब फोर्थ अटेम्प्ट में सफलता हासिल हुई है। शौर्यमन के आईएएस में चयन होने की खबर जैसे ही कछौना नगर पहुंची तो उनके शुभचिंतकों, सहपाठियों, मित्रों द्वारा शुभकामनाएं व उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षकों द्वारा आशीर्वाद देने का सिलसिला शुरू हो गया।

हमारे साथ विशेष बातचीत में शौर्यमन पटेल ने बताया कि उन्हें बचपन से ही लक्ष्य पर फोकस करने में रूचि रही है, और जब लक्ष्य स्पष्ट हो तो उसे प्राप्त करना असंभव नहीं है। उनके आईएएस बनने में पिता शिवराज सिंह उन्हें निरंतर प्रेरित करते रहते थे। शौर्य ने आगे बताया कि चुनौतियों के बीच ही सृजन का मार्ग प्रशस्त होता है। कड़ी मेहनत व धैर्यपूर्वक लक्ष्य की ओर अग्रसर रहने पर निश्चित ही सफलता आपका अंगीकार करती है।प्रशासनिक सेवा के जरिए वो देश के विकास में अपना श्रेष्ठतम योगदान देना चाहते हैं।अपनी इस सफलता का श्रेय उन्होंने अपने पिता शिवराज सिंह पटेल, मां माधुरी देवी पटेल, मामा प्रदीप कुमार पटेल व गुरुजनों को दिया है।