ताजमहल की तर्ज पर बनी अलीगढ़ की एक ऐसी मस्जिद जिसमें भरा है टनो सोना
अलीगढ़ की जामा मस्जिद भारत ही नहीं बल्कि एशिया में सबसे ज्यादा सोना लगे होने के कारण मशहूर है.अलीगढ़ के ऊपरकोट इलाके में स्थितजामा मस्जिदऔर ताजमहल में कई समानताएं हैं. कहा जाता है कि ताजमहल बनाने वाले मुख्य इंजीनियर ईरान के अबू ईसा अंफादी के पोते ने जामा मस्जिद का निर्माण किया था.जामा मस्जिद के 17 गुंबदो को ठोस सोने से बनाया गया है जबकि ताजमहल और स्वर्ण मंदिर में केवल सोने की परत चढ़ाई गई है.इस मस्जिद में लगभग 6 कुंटल सोना लगा हुआ बताया जाता है.साथ ही इस मस्जिद में लगभग 5000 लोग एक साथ बैठकर नमाज अदा कर सकते हैं और इस मस्जिद में महिलाओं के अलग से नमाज अदा करने की जगह बनी हुई है.
जामा मस्जिद का निर्माण कोल के गवर्नर साबित खान जंगे बहादुर के शासनकाल में 1724 में कराया गया था.इसके निर्माण में 4 साल लगे थे तब जाकर यह 1728 में बनकर तैयार हुई थी.जामा मस्जिद और ताजमहल की कारीगरी में बहुत समानताएं देखने को मिलती है.इस मस्जिद में 17 गुंबद हैं.अलीगढ़ की यह जामा मस्जिद देश की पहली मस्जिद है जहां पर 1857 की क्रांति के 73 शहीदों की कब्रें हैं.इसलिए इसे गंज-ए-शहीदान यानी शहीदों की बस्ती भी कहा जाता है.