जर्जर हो गया दस लाख से निर्मित बरात घर
जर्जर हो गया दस लाख से निर्मित बरात घर
सिद्धार्थनगर : गांव में शादी-विवाह के अवसर पर बरात आदि ठहरने के लिए दस लाख की लागत से एक दशक पूर्व बनाया गया भवन जर्जर हो धराशायी होने को है। बनने के बाद से आज तक इसकी रंगाई व पोताई तक नहीं हुई।
वर्ष 2010-11 के बसपा शासनकाल में खेसरहा विकास क्षेत्र के ग्राम पंचायत कठमोरवा को आंबेडकर ग्राम का दर्जा मिला था। उसी समय ग्राम पंचायत के टोला चंदापुर में इसका निर्माण कराया गया था। भवन के खिड़की- दरवाजे सब टूट गए हैं, चहारदीवारी भी ढह चुकी है। विद्युतीकरण एवं पेयजल व्यवस्था के नाम पर कुछ भी नहीं है। करीब नौ सौ की आबादी वाले इस ग्राम पंचायत के लोगों को शादी विवाह के समय बरात को गांव में एक दूसरे के घर अथवा बाग में ठहराना पड़ता है। जबकि इसके देखरेख की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत की है।
विजयपाल यादव ने कहा कि मेरे गांव में बरात रुकने की कोई व्यवस्था नहीं थी, जब इस भवन का निर्माण हुआ तो बहुत खुशी हुई लेकिन सही काम न होने से यह गिरने के कगार पर है।
विनोद कुमार ने इस संदर्भ में बताया कि विवाह में सबसे बड़ी चिता अतिथियों को ठहराने को लेकर होती हे। स्कूल अथवा पंचायत भवन भी नहीं है। बाग में या फिर किसी के घर पर ठहराते हैं।