जानिये उदगम पर क्या है गोमती का गम

in #pilibhit2 years ago (edited)

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की शोभा में चार चांद लगाने वाली गोमती नदी का उद्गम स्थल रुहेलखंड के पीलीभीत जनपद के माधोटांडा में है। यहां फुलहर नामक झील से गोमती का उद्गम माना गया है। मान्यता है कि सुप्रसिद्ध संत बाबा दुर्गानाथ जी ने अपने तपबल पर गोमती की धारा यहां प्रकट की थी। वर्तमान समय में उद्गम स्थल से गोमती की धारा प्रवाहित नहीं हो पा रही है। चार साल पहले प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने गोमती सहित सात प्रमुख नदियों को अपनी बहु प्रचारित नदी पुनरुद्धार योजना में शामिल किया था। कहा गया था कि इन नदियों की साफ सफाई करके इन्हें पुनर्जीवित किया जाएगा परंतु यह योजना बजट के अभाव में परवान नहीं चढ़ सकी। हालांकि पीलीभीत में जन सहयोग से गोमती पर काफी काम कराए गए हैं जिन पर ही पुनरुद्धार का ठप्पा लगाकर शासन प्रशासन अपनी पीठ थपथपाने में लगा हुआ है। सारा ध्यान उद्गम स्थल को पर्यटन स्थल बनाने में लगा हुआ है परंतु गोमती नदी की धारा उदगम स्थल से बहाने के लिए अभी भी कोई ठोस प्लान तैयार नहीं हो पाया है। जिले के 33 गांवों से होकर बहने वाली गोमती की धारा कहीं नाले के रूप में है तो कहीं इसका अस्तित्व विलुप्त सा होता नजर आता है। नदी की जमीन पर कब्जे की बात भी कही जाती है परंतु प्रशासन इससे इनकार कर रहा है। कई साल पहले महात्मा गांधी नरेगा योजना से इन सभी गांवों में गोमती की खुदाई करोड़ों रुपए की लागत से कराई गई थी परंतु कहीं भी ऐसा कार्य नहीं हो सका जिसे एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया जा सके अथवा नदी का वहाब बन पाया हो। मनरेगा में हुए इस घपले की जांच भी कराई गई परंतु वह भी कोई खास असर नहीं दिखा सकी। जन सहयोग से 2 अप्रैल 2018 को हुए कार्य नदी की धारा बहाने में कारगर नहीं हो पाए। तब से अब तक अविरल धारा बहाने पर फिलहाल कोई काम नहीं हुआ।
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