श्रीमद् भागवत कथा में आचार्य ने दिये यह प्रवचन

in #news2 years ago

IMG-20220609-WA0018.jpgऔरैया। जिले के कंचौसी कस्बे के समीप गांव में बगिया वाले बाबा पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पाँचवे दिन कथा वाचक पं.राम श्याम जी महाराज ने हिरण्य कश्यप व भक्त प्रहलाद की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि हिरण्य कश्यप अपने भाई की मौत का बदला भगवान विष्णु से लेने के लिए ब्रह्मा जी की तपस्या करने के लिए एक वट के नीचे बैठ गया। जहां देव गुरु वृहस्पति तोता का रूप धारण कर वृक्ष पर बैठ गए,और नारायण नाम का रट लगाने लगा। आजिज हिरण्य कश्यप तपस्या छोड़ कर घर आ गया। पत्‍‌नी ने पूछा कि आप तपस्या छोड़कर क्यों चले आए, तो तोता की बात बताई। पत्‍‌नी ने भी भगवान के नाम का जप किया,और गर्भ ठहर गया। जिसके बाद भक्त प्रहलाद के रूप में बालक का जन्म हुआ। जब प्रहलाद गुरुकुल से घर आए तो हिरण्य कश्यप ने पूछा कि क्या शिक्षा ग्रहण की। प्रहलाद भगवान का गुणगान करने लगे। इससे हिरण्य कश्यप क्रोधित हो उठा और कहा कि तुम मेरे शत्रु का गुणगान कर रहे हो। लेकिन प्रहलाद ने भगवान की अराधना नहीं छोड़ी, हिरण्या कश्यप अत्याचार करता रहा और भगवान प्रहलाद को बचाते रहे।
भागवत महोत्सव में बड़ी संख्या में श्रोताओं ने कथा का श्रवण किया।IMG-20220609-WA0018.jpg

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