विवादों के फ्लैट, दो दशक से सुर्खियों में हैं बक्करवाला के वीरान आशियाने
बक्करवाला गांव करीब दो दशक से सुर्खियों में छाया हुआ है। दो दशक पहले यहां झुग्गी बस्ती बसाने की कार्रवाई शुरू होने का कड़ा विरोध हुआ था। इस बीच यहां झुग्गी बस्ती बसाने के बजाय फ्लैट बनाने का निर्णय हुआ। यहां फ्लैट वीरान पड़े होने के कारण भी यह गांव खूब चर्चा में रहता है और अब बुधवार को यहां फ्लैटों में केंद्र सरकार के रोंहिग्याओं को बसाने के ऐलान के बाद यह गांव एक बार फिर अचानक सुर्खियों में आ गया।
बक्करवाला गांव में वर्ष 2001 में डीडीए ने झुग्गी बस्ती बसानी शुरू की थी। इसका बक्करवाला गांव के निवासियों ने ही नहीं, बल्कि आसपास के गांवों वालों ने कड़ा विरोध किया था। उन्होंने झुग्गी बस्ती बसाने वाने स्थान पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठकर आंदोलन शुरू किया था। उनकी एकता के कारण डीडीए ने यहां झुग्गी बस्ती बसाने का निर्णय वापस लेना पड़ा। उस समय केंद्रीय शहरी विकास मंत्री जगमोहन व इलाके के सांसद साहिब सिंह के यहां आकर झुग्गी बस्ती के बजाए फ्लैट बनाने का आश्वासन देने के बाद ग्रामीणों ने आंदोलन समाप्त किया था।