किसानों के कल्याण के लिए ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल शुरू - उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार

in #rohtak2 years ago

रोहतक के जिला उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं के बारे बताते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा 20 मई को किसानों के कल्याण के लिए ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल लाँच किया है। किसानों के हित और उन्हें जोखिम मुक्त करना प्रदेश सरकार की की सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसान अब इस पोर्टल के माध्यम से किसी भी आपदा में फसलों को हुए नुकसान की जानकारी स्वयं सीधे इस पोर्टल पर दर्ज कर सकेंगे।
कैप्टन मनोज कुमार ने कहा कि सरकार द्वारा निर्धारित अवधि में इस पोर्टल पर दर्ज किये गए विवरण की जांच करवाई जायेगी तथा किसान जांच रिपोर्ट को भी देख सकेंगे। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमित किसानों को छोडक़र अन्य किसानों को इसका लाभ मिलेगा। यह फसल नुकसान की स्थिति में आवेदन, सत्यापन और मुआवजा प्रदान करने की प्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में हरियाणा सरकार का ऐतिहासिक कदम है। इससे पहले किसानों को फसल खराबे का मुआवजा मैनुअल दिया जाता रहा है और सालों से चली आ रही मैनुअल मुआवजा प्रणाली को बदलते हुए अब इस पोर्टल के माध्यम से यह मुआवजा भी ऑनलाइन कर दिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत पंजीकरण नहीं कराया है, उन किसानों को इस सुविधा का लाभ मिलेगा।
उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने कहा कि इस पोर्टल के माध्यम से मुआवजा राशि ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पर उपलब्ध करवाए गए काश्तकार के सत्यापित खाते में सीधे जमा करवाई जाएगी। इसके लिए किसानों को ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पोर्टल के अलावा कहीं भी पंजीकरण करने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने बताया कि संबंधित खसरा नंबर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत पंजीकृत नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस पोर्टल पर किसान समय-समय पर अपने आवेदन की स्थिति देख सकते हैं। पंजीकरण हेतु मोबाइल नंबर, परिवार पहचान पत्र या ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पंजीकरण नम्बर में से कोई एक अनिवार्य होगा।
उन्होंने कहा है कि सरकार द्वारा किये गए प्रावधान के अनुसार किसानों को आग, बाढ़, ओलावृष्टि, सूखा, शीतलहर, भूकम्प, भूस्खलन, बादल फटना, जलभराव, भारी बारिश, कीट का हमला और धूल भरी आंधी के कारण होने वाले फसल नुकसान पर मुआवजा मिलेगा। फसल के मुआवजे के लिए 5 स्लैब निर्धारित किए गए है, जोकि शून्य से 24 प्रतिशत, 25 से 32 प्रतिशत, 33 से 49 प्रतिशत, 50 से 74 प्रतिशत और 75 से 100 प्रतिशत में दिया जाएगा।
कैप्टन मनोज कुमार ने कहा कि पटवारी, कानूनगो और तहसीलदार उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर से लॉगिन फॉर्म से अपना-अपना लॉगिन करेंगे। वे फसल नुकसान के लिए किसान द्वारा प्रस्तुत आवेदन को देख सकेंगे। फसल हानि का प्रतिशत तथा खसरा नम्बर की फोटो भरेंगे और अपनी प्रतिक्रिया देंगे। एसडीएम अपने लॉगिन फॉर्म से लॉगिन करेंगे और पटवारी, कानूनगो व तहसीलदार द्वारा प्रस्तुत किए गए बेमेल डेटा को देख सकेंगे। उन्होंने बताया कि किसान द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत का पुन: सत्यापन भी संबंधित एरिया के एसडीएम द्वारा किया जाएगा।
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