राजनाथ की राजनीति
राजनाथ सिंह यद्यपि एक शालीन और अपने कुनबे में पढ़े-लिखे प्रबुद्ध नेता हैं, पर आडवाणी को पृष्ठभूमि में ढकेलने में इनका कोई कम योगदान नहीं रहा। और हाँ! लोकतांत्रिक तरीकों को खत्म करने की लगातार की जा रही कोशिशों पर आप खुलकर कब बोले? सभा में रहकर संसदीय व्यवस्था का चीरहरण देखते रहने की विवशता 'राजधर्म' नहीं है, अपितु सत्ता से अलग न रह पाने की पौरुषहीनता है!