दिल्ली में बीएस-IV डीजल इंजन पर रोक लगाने की सिफारिश,

in #delhi2 years ago

नयी दिल्ली: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा है कि उनकी सरकार बीएस-IV डीजल वाहनों पर प्रस्तावित प्रतिबंध से उत्पन्न होने वाली व्यावहारिक समस्याओं पर गौर करेगी। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने वायु प्रदूषण ‘गंभीर’ स्तर तक बढ़ने पर इन डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। मंत्री ने कहा कि इस मामले में लोगों से चर्चा करने के बाद निर्णय लिया जाएगा। दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए अपनी नयी नीति के तहत सीएक्यूएम ने दिल्ली और एनसीआर राज्यों से पहली बार सिफारिश की है कि वे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 450 से अधिक होने पर चार पहिया डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाएं।
कई रिपोर्ट के मुताबिक प्रतिबंध से निजी कारों सहित लगभग 9.5 लाख डीजल वाहनों पर असर पड़ने का अनुमान है और यदि पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई तो लोगों के लिए संकट पैदा हो सकता है। राय ने कहा, ‘आयोग ने आपात स्थितियों में बीएस-IV डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। हम इसकी आगे समीक्षा करेंगे। व्यावहारिक समस्याओं पर विचार करने और लोगों से चर्चा के बाद कोई फैसला करेंगे।’ एक्यूआई सूचकांक के शून्य और 50 के बीच रहने को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच रहने पर ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच रहने पर ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच रहने पर खराब, 301 और 400 के बीच की स्थिति ‘बहुत खराब’ और 401 तथा 500 के बीच की स्थिति ‘गंभीर’ मानी जाती है।

सीएक्यूएम की नई नीति के बारे में पूछे जाने पर राय ने कहा कि राज्यों को इसे ठीक से लागू करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है। नीति में अगले पांच वर्षों में दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए क्षेत्रवार कार्य योजनाओं को सूचीबद्ध किया गया है। मंत्री ने कहा, ‘समस्या यह है कि सीएक्यूएम नीतियों को लागू नहीं कर सकता है। राज्यों को यह करना होगा। उदाहरण के लिए हरियाणा अब भी उन कुछ क्षेत्रों में डीजल जनरेटर सेट की अनुमति देता है, जहां बिजली की आपूर्ति नहीं होती। ऐसा वर्षों से चल रहा है।’

मंत्री ने कहा, ‘‘हमने दिल्ली में पटाखे जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन फिर भी लोग ऐसा करते हैं। आपको क्या लगता है कि ये पटाखे कहां से आते हैं?’ उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और सीएक्यूएम के कई निर्देशों के बावजूद दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की समस्या बनी हुई है, क्योंकि पड़ोसी राज्य इन निर्देशों को लागू करने के प्रति गंभीर नहीं हैं। मंत्री ने कहा कि क्षेत्र में वायु प्रदूषण के मुद्दे को केवल राज्य के पर्यावरण मंत्रियों की एक समिति के माध्यम से हल किया जा सकता है।navbharat-times (4).jpg