सकरावां में अधिग्रहीत भूमि पर जेल का निर्माण शुरू

गौरीगंज (अमेठी)। शहर से सटे सकरावां गांव स्थित 27.8 हेक्टेयर भूमि पर 990 बंदी क्षमता की जेल का निर्माण शुक्रवार को भूमि पूजन के बाद शुरू हो गया। जेल निर्माण पर 176 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसकी जिम्मेदारी वैसकान इंजीनियर्स लिमिटेड को दी गई है।गौरीगंज (अमेठी)। शहर से सटे सकरावां गांव स्थित 27.8 हेक्टेयर भूमि पर 990 बंदी क्षमता की जेल का निर्माण शुक्रवार को भूमि पूजन के बाद शुरू हो गया। जेल निर्माण पर 176 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसकी जिम्मेदारी वैसकान इंजीनियर्स लिमिटेड को दी गई है।गौरीगंज (अमेठी)। शहर से सटे सकरावां गांव स्थित 27.8 हेक्टेयर भूमि पर 990 बंदी क्षमता की जेल का निर्माण शुक्रवार को भूमि पूजन के बाद शुरू हो गया। जेल निर्माण पर 176 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसकी जिम्मेदारी वैसकान इंजीनियर्स लिमिटेड को दी गई है।अमेठी जिले का गठन एक जुलाई 2010 को हुआ था। जिले में रायबरेली की तिलोई व सलोन तो सुल्तानपुर की अमेठी, गौरीगंज व मुसाफिरखाना तहसीलों को शामिल किया गया था। जिला स्थायी होने के बाद यहां जिला कारागार बनाने की कवायद शुरू हुई। इसके लिए सैंठा रोड स्थित सकरावां गांव में भूमि चिन्हित की गई। 25.688 हेक्टेयर भूमि का चिन्हांकन कार्य पूरा होने के बाद करीब पांच-छह वर्ष पूर्व भूमि क्रय की जा चुकी है। कारागार विभाग की ओर से भेजे गए प्रस्ताव अक्तूबर 2022 में कैबिनेट की मंजूरी दी जा चुकी है।

मंजूरी मिलने के बाद शासन ने जिले में कारागार निर्माण के लिए अप्रैल 2023 में एक अरब 76 करोड़ 12 लाख 42 हजार रुपये के प्रस्ताव को प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति देते हुए पहली किश्त के रूप में निर्माण के लिए 25 करोड़ रुपये अवमुक्त किए गए थे। धनराशि निर्गत होने के बाद लोक निर्माण विभाग अयोध्या ने निविदा के माध्यम से वैसकान इंजीनियर्स लिमिटेड को मानक के अनुसार निर्माण कार्य 20 माह में पूरी करने की जिम्मेदारी दी है।

कार्यदायी संस्था ने शुक्रवार को विधि विधान से भूमि पूजन कर निर्माण शुरू कर दिया। इस मौके पर पीडब्लूडी के सहायक अभियंता पीके सिंह, प्रोजेक्ट इंचार्ज टीवी अटोले, ग्राम प्रधान सकरावा दीपक सिंह व कंपनी के निरंजन सिंह आदि मौजूद रहे।

कारागार में यह होगा निर्माण
सकरावा गांव में निर्मित होने वाले कारागार में बाउंड्रीवाल के साथ 110 बंदी क्षमता की नौ बैरक, दस चार मंजिला आवासीय भवन, पेयजल, प्रसाधन, फार्म हाउस समेत अन्य अवस्थापना की सुविधा का निर्माण होगा।

बंदी के परिजनों को मिलेगी सहूलियत
अमेठी में कारागार नहीं होने से केस दर्ज होने के बाद गौरीगंज, अमेठी व मुसाफिरखाना तहसील के अभियुक्तों को जिला कारागार सुल्तानपुर तो तिलोई तहसील के अभियुक्तों को रायबरेली कारागार में बंद किया जाता है। पुलिस कर्मियों को परेशानी हो रही है। इतना ही नहीं, बंदी के परिजनों को गैर जिले की परिक्रमा करनी पड़ रही है। गौरीगंज के सकरावा मेंं जेल बनने के बाद कैदियों/बंदियों के परिवारीजनों को उनसे मिलने के लिए दूसरे जिलों की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी।
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