काशी के शिवालय: दो भागों में बंटा है

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काशी के शिवालय: दो भागों में बंटा है ये अद्भुत शिवलिंग, मान्यता-बाबा भोलेनाथ खुद आते हैं भोग ग्रहण करने
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी Published by: उत्पल कांत Updated Sun, 24 Jul 2022 12:12 PM IST
सार
कण-कण शंकर की मान्यता वाली काशीपुराधिपति की नगरी काशी में शिव कई स्वरूपों में विराजमान हैं। केदारखंड में स्थित गौरी केदारेश्वर मंदिर के शिवलिंग का स्वरूप ही निराला है।कण-कण शंकर के शहर बनारस को मंदिरों का शहर यूं ही नहीं कहा जाता है। केदारखंड में स्थित गौरी केदारेश्वर मंदिर के शिवलिंग का स्वरूप ही निराला है। यह शिवलिंग दो भागों में बंटा हुआ है। मान्यता है कि एक भाग में भगवान शिव माता पार्वती के साथ तो दूसरे भाग में भगवान विष्णु माता लक्ष्मी के साथ विराजते हैं।इसके दर्शन से भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और मां अन्नपूर्णा के दर्शन व कृपा की प्राप्ति होती है। काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी ने बताया कि केदारघाट पर स्थित गौरी केदारेश्वर मंदिर में मान्यता है कि भगवान शिव स्वयं यहां भोग ग्रहण करने आते हैं। यही नहीं इस मंदिर की पूजन विधि भी बाकी मंदिरों की तुलना में अलग है।काशी विश्वनाथ से भी प्राचीन है मंदिर
यहां बिना सिला हुआ वस्त्र पहनकर ही ब्राह्मण चार पहर की आरती करते हैं। स्वयंभू शिवलिंग पर बेलपत्र, दूध गंगाजल के साथ ही भोग में खिचड़ी जरूर चढ़ाई जाती है। कहा जाता है कि यह मंदिर श्री काशी विश्वनाथ से भी प्राचीन है। काशी आने पर रानी अहिल्याबाई होल्कर ने जब दर्शन किया तो मंदिर की व्यवस्था को सुधारा।

ऋषि मांधाता की तपस्या से खुश होकर काशी आए गौरी केदारेश्वर
मंदिर के महंत ने बताया कि शिवपुराण में वर्णन है कि ऋषि मांधाता की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने यहां दर्शन दिए थे। भगवान शिव ने कहा था कि चारों युगों में इसके चार रूप होंगे। सत्ययुग में नवरत्नमय, त्रेता में स्वर्णमय, द्वापर में रजतमय और कलियुग में शिलामय होकर यह शुभ मनोकामनाओं को प्रदान करेगा।
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दो भागों के हो जाने से यह हरिहरात्मक और शिवशक्तयात्मक हो गया है। अन्न से निर्मित होने के कारण इसमें अन्नपूर्णा निवास करेंगी। इस लिंग के दर्शन पूजन से भक्त के गृह में अन्नपूर्णा सदा निवास करेगीं। इतना कह कर भगवान इसी लिंग में अन्तर्ध्यान हो गए।Screenshot_2022-07-24-15-18-58-31_40deb401b9ffe8e1df2f1cc5ba480b12~2.jpg