राजीव गांधी का रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाए सोनिया व राहुल, लगातार चार बार दर्ज की थी जीत

in #politics5 months ago

राजीव गांधी ने अमेठी से लगातार चार बार चुनाव जीतकर रिकॉर्ड बना दिया। राहुल गांधी ने यहां से तीन बार जीत दर्ज की पर पिता को पीछे नहीं छोड़ पाए
राजीव गांधी, राहुल गांधी व सोनिया गांधी। -
लोकसभा अमेठी में कई रोमांचक चुनावी रिकॉर्ड भी बने हैं। यहां सबसे अधिक रिकार्ड स्व. राजीव गांधी के नाम हैं। उन्होंने वर्ष 1981 से 1991 तक चुनावी जीत की हैट्रिक लगाई। उनके नाम सबसे अधिक वोट अंतर से चुनाव जीत का भी रिकॉर्ड है। इससे भी बड़ी बात यह है कि विपक्षी तो दूर, उनकी पत्नी सोनिया गांधी और बेटे राहुल भी उनका चुनावी रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाए।

विमान हादसे में संजय गांधी की मौत के बाद राजीव गांधी ने साल 1981 के उपचुनाव में राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी। उस बार 2,37,696 वोट से शरद यादव को हरा कर वह पहली दफा सांसद बने। इसके बाद वह 1991 तक चुने जीतते रहे। सबसे अधिक वोटों अंतर से उन्होंने 1984 के चुनाव में घर की बहू मेनका गांधी को 3,14,878 को हराया था।1989 के लोकसभा चुनाव में राजीव गांधी ने जनता दल के राज मोहन गांधी को हराया। तब राजीव गांधी 2,02,138 वोट अंतर से जीते थे।1991 के आम चुनाव में राजीव गांधी ने भाजपा के रविंद्र प्रताप को 1,12,085 के अंतर से हराया था। हालांकि जीत का फैसला होने से पहले ही एक उग्रवादी हमले में राजीव गांधी की मौत हो गई।
उपचुनाव हुआ और कांग्रेस से सतीश शर्मा चुने गए। 1999 के लोकसभा चुनाव में राजीव गांधी की पत्नी सोनिया ने चुनाव लड़कर अपना राजनीतिक सफर शुरू किया।

उन्होंने भाजपा के संजय सिंह को 3,00012 वोट के अंतर से शिकस्त दी, लेकिन अपने पति का रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाईं। इसके बाद उन्होंने अपनी यह सीट बेटे राहुल गांधी को सौंप दी। राहुल गांधी 2004 से 2014 तक तीन बार सांसद रहे, लेकिन वह भी अपने पिता के रिकॉर्ड तक नहीं पहुंच पाएकांग्रेस के नाम ही सबसे कम औरा ज्यादा अंतर से जीत का रिकॉर्ड
अमेठी चुनाव में जहां सबसे बड़े वोट अंतर से जीतने का रिकॉर्ड राजीव गांधी के नाम है, वहीं सबसे कम अंतर से साल 1971 में अमेठी के पहले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के ही विद्याधर बाजपेयी चुनाव जीते थे।

  • वह एबीजेएस पार्टी के गोकुल प्रसाद पाठक से महज 3665 वोट अंतर से जीते थे। इस लिहाज से अमेठी में अब तक हुए लोकसभा चुनावों में सबसे बड़े और सबसे कम अंतर से चुनाव जीत का रिकॉर्ड कांग्रेस के नाम ही दर्ज है।

... जब धरी रह गई थी जीत की माला
साल 1991 के चुनाव में कांग्रेस से राजीव गांधी समेत कुल 42 उम्मीदवार मैदान में थे। इस चुनाव में वोटिंग 20 मई को हुई थी। तब राजीव गांधी की जीत लगभग तय मानी जा रही थी। लोगों ने उनके स्वागत की तैयारी कर ली थी, लेकिन 21 मई को राजीव गांधी की हत्या कर दी गई।

  • चुनाव परिणाम घोषित हुआ तो राजीव गांधी ने एक लाख 87 हजार 138 वोट पाकर जीत हासिल की। ऐसे में जीत की माला किसी को नहीं पहनाई जा सकी। लोगों की तैयारियां और हसरतें धरी रह गई थीं।
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