सत्ता धारियों ने रातो रातो करोड़ो की जमीन में किया कब्जा

in #fatehpur2 years ago

फतेहपुर- यह ना कोई नया काम हुआ है और ना ही अचरज की बात है।भ्रष्टाचार रहित सरकार एवं सुशासन की बात करने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार में ऐसे नजारे यहां के लोगों ने अनगिनत बार देखें हैं।जहां ताकतवरों के सामने लाचार,कमजोर एवं मजलूम सिर झुकाते आए हैं तो मजबूत,दबंगों के साथ प्रशासन व पुलिस खड़ी नजर आई है।शहर के लखनऊ बाईपास,लोधीगंज,उत्तरी गौतम नगर,पटेल नगर,राधा नगर,शांति नगर,पक्का तालाब सहित अनगिनत ऐसे क्षेत्रों के नाम हैं जहां सत्ताधारियों ने अपनी हनक व जौहर दिखा रुतबा कायम किया।जमीनों का प्रेम सत्ताधारियों की पहली पसंद रही है।बात भले ही बसपा व सपा शासन काल की बिगड़ी कानून व्यवस्था की की जाती हो लेकिन जिस तरह से जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली सरकार में आमजन की दुर्दशा है वह किसी से छिपी नहीं है।न्याय की आस में छोटे से लेकर बड़े अफसरों की चौखटों तक दस्तक देकर लोग हार रहे हैं लेकिन न्याय है कि उनसे दूर ही होता जा रहा है।इतना सब होने के बावजूद सत्ताधारी नेता हर बैठक,हर कार्यक्रम,हर आयोजन में सरकार की शान में कसीदे पढ़ रहे हैं।सत्ताधारियों का जमीन प्रेम कुछ इस तरह से बढ़ा हुआ है कि उन्हें सरकार की गिरती छवि का जरा से भी मलाल नहीं रहा।कहीं सामने से तो कहीं पर्दे के पीछे से भू-माफियाओं के साथ उनकी जुगलबंदी उन्हें समृद्धशाली तो बना रही है लेकिन सरकार का मटियामेट कर रही है।केंद्र व प्रदेश सरकार के मुखिया बेशक इमानदार हैं और आमजन के लिए काम कर रहे हों पर उनकी मशीनरी अपने उत्तरदायित्वों एवं कर्तव्यों से मुंह मोड़े हुए है।जिसके चलते पूर्ववर्ती सरकारों से भी बुरी दुर्दशा लोग झेल रहे हैं और अपने कामों तथा न्याय की आस में दर-दर की ठोकरें खाते घूम रहे हैं।तीन रात तक चले बुलडोजर ने भले ही जमीन का सौदा करने वालों की संपत्तियों में और इजाफा कर दिया हो लेकिन जो परिवार यहां से बेदखल हुआ वह बद से बदतर स्थित में पहुंच गया है।तितर-बितर हुआ परिवार अपने रिश्तेदारों की शरण में है तो बहन एवं भाई अज्ञात स्थान में किसी दूर गांव में कच्ची कोठरी में जीवन बिता रहे हैं।इतना सब होने के बावजूद उन्हें मौत का डर भी सता रहा है।हो सकता है कि मकान में कब्जा जमाए लोग गलत रहे हों?लेकिन जिस प्रक्रिया को अपनाया गया क्या वह सही थी?इस पर जिम्मेदारों की चुप्पी,रात के अंधेरे में ध्वस्तीकरण के हुए काम कई सवाल खड़े कर रहे है?लेकिन इतना तय है कि ऐसे कामों के लिए ताकतवरों ने सदा ही सत्ता का सहारा लिया है और इसी का नतीजा है कि आम गरीब जनता के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर करने वाले मोदी-योगी के राज में भी अंत्योदय का सपना कागजों व बातों में पूरा हो रहा है। आमजन के लिए अभी भी न्याय के दरवाजे बंद हैं।जमींदोज हुए मकान के मामले में जिम्मेदारों की चुप्पी पर चर्चाएं भी खूब हो रही हैं।सही कितनी हैं यह तो पता नहीं लेकिन लोग चटखारे लेकर माल की बात कर रहे हैं।दु:खद तो यह भी रहा की मामला समाचारों की एक नजर भी न बन सका और एक परिवार रात के अंधेरे में बेघर हो फुटपाथ पर आ गया।